CM Yogi Scholarship: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन से पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के खातों में ₹297 करोड़ की छात्रवृत्ति डीबीटी से ट्रांसफर की। उन्होंने कहा कि अब छात्रवृत्ति वितरण में भेदभाव और भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं। पहले वित्तीय वर्ष में सितंबर से ही छात्रवृत्ति वितरण शुरू कर सरकार ने नई परंपरा की शुरुआत की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के खातों में ₹297 करोड़ की छात्रवृत्ति सीधे ट्रांसफर की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि “समाज के अंतिम पायदान तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने का संकल्प” है। यह पहली बार है जब प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से सितंबर महीने में ही छात्रवृत्ति वितरण की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ने इसे “बदली हुई कार्य संस्कृति और पारदर्शी प्रशासन” का प्रतीक बताया।
लोकभवन में हुए इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लगभग 5 लाख छात्रों के बैंक खातों में ₹297 करोड़ की छात्रवृत्ति भेजी। कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले छात्रवृत्ति वितरण में भेदभाव होता था, लेकिन अब यह पारदर्शी और डिजिटल प्रणाली से जुड़ चुका है। किसी को सिफारिश या चक्कर लगाने की जरूरत नहीं, अब हकदार को उसका अधिकार सीधे मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अब प्रदेश के 62 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ मिल रहा है। इससे लाखों गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा जारी रखने में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति तक हड़प ली गई थी। भ्रष्टाचार और भेदभाव के कारण हजारों विद्यार्थियों को उनका हक नहीं मिला। लेकिन अब प्रदेश की कार्य संस्कृति बदल चुकी है- पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह केवल धन का ट्रांसफर नहीं है, बल्कि “बदले हुए उत्तर प्रदेश” की तस्वीर है, जहां हर बच्चे को समान अवसर मिल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि छात्रवृत्ति वितरण में डीबीटी प्रणाली ने व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी बना दिया है। पहले छात्रों को कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब सरकार सीधे छात्रों के खातों में पैसा भेजती है। इससे न कोई बिचौलिया, न कोई भ्रष्टाचार। उन्होंने कहा कि अब हर जरूरतमंद विद्यार्थी को शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग मिलेगा। यह प्रणाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “डिजिटल इंडिया” योजना का एक सफल उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में खासतौर से अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के विद्यार्थियों से अपील की कि वे किसी भी परिस्थिति में पढ़ाई न छोड़ें। शिक्षा ही वह शक्ति है जो समाज को बदल सकती है। आप पढ़ेंगे, तो पूरा समाज बदलेगा। सरकार आपके साथ है। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति का उद्देश्य यही है कि कोई भी बच्चा आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित न रह जाए।
कार्यक्रम में शामिल राज्य मंत्री असीम अरुण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत उत्तर प्रदेश सरकार अब ‘ई-गवर्नेंस’ से ‘ईजी गवर्नेंस’ की ओर बढ़ रही है। यानी ऐसी शासन व्यवस्था, जो सरल, पारदर्शी और जनहितकारी हो। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति वितरण का यह डिजिटल सिस्टम जनता को सशक्त बनाने का उदाहरण है।
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि छात्रवृत्ति वितरण की नई प्रणाली 100% पारदर्शी है। हर विद्यार्थी के दस्तावेज ऑनलाइन सत्यापित किए जाते हैं और भुगतान केवल मान्य खातों में ही डीबीटी के माध्यम से किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश के बदलते शासन का प्रतीक है कि हमने सिस्टम को ऐसी दिशा में मोड़ा है जहां भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं, और हर गरीब को सम्मान पूर्वक उसका हक मिल सके।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि शिक्षा हर व्यक्ति तक पहुँचे, चाहे वह किसी भी वर्ग या पृष्ठभूमि से आता हो। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, समाज कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मिलकर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी छात्र छात्रवृत्ति से वंचित न रहे। आज का यह आयोजन केवल छात्रवृत्ति वितरण नहीं, बल्कि नये उत्तर प्रदेश की कहानी है- जहाँ प्रतिभा को अवसर मिलता है और परिश्रम को पहचान।