लखनऊ जानकीपुरम में सीवर के खुले मैनहोल में छोटा बच्चा गिर गया था जिसकी मौत हो गई थी, इस मामले में अधिशासी अभियंता निलंबित किया गया लेकिन जल निगम की सीवर लाइन में दो मजदूरों की मौत के मामले में बड़े अधिकारीयों पर नहीं हुई कोई कार्यवाही।
लखनऊ जानकीपुरम विस्तार में सीवर के मेनहोल में गिरे बच्चे की मौत के मामले में दबाव पड़ा तो अधिशासी अभियंता को भी निलंबित किया गया। मगर रेजीडेंसी के पास जल निगम की सीवर लाइन में दो मजदूरों की मौत के मामले में जिम्मेदार बड़े अफसर और इंजीनियर को बचा लिया गया। इस मामले में सिर्फ सहायक अभियन्ता मनीश अली, अवर अभियंता गुडलक वर्मा को निलंबित किया जबकि हादसे के लिए इस यूनिट के सभी अफसर और इंजीनियर जिम्मेदार थे। अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता से लेकर अधिशासी अभियन्ता ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो यह हादसा नहीं होता। ठेकेदार लगातार लापरवाही बरत रहा था, इस पर उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
हर बार की तरह इस बार मजदूरों की मौत के मामले को दबाने के लिए छोटे इंजीनियरों को निलंबित कर रफा-दफा कर दिया। मगर प्रमुख जिम्मेदारों को छोड़ दिया गया। जल निगम के अधिकारियों की मानें तो बड़े इंजीनियरों की ओर से मौके पर जाकर प्रोजेक्ट का निरीक्षण नहीं किया जाता है। इस वजह से ठेकेदार अपना काम पेटी ठेकेदार को दे देते है।
आरोप है कि मुख्य अभियन्ता महीनों दफ्तर से बाहर नहीं निकलते है। मगर शासन, जल निगम के आला अफसरों ने इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की। जल निगम एमडी राकेश मिश्रा का कहना है कि घटना के लिए एई और जेई ही जिम्मेदार है। इसलिए उन पर कार्रवाई की गयी। यही दोनों फील्ड ऑफिसर होते है। अधिशासी अभियन्ता, मुख्य अभियन्ता सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं होते है। उन्होंने कहा कि कम्पनी को ब्लैक लिस्ट नहीं किया जा रहा है।