लखनऊ

Accident: तेज रफ्तार का कहर: लखनऊ में डंपर डिवाइडर पर चढ़ा, बाल-बाल बचे राहगीर, पुलिस नदारद

Accident Lucknow:   राजधानी लखनऊ में तेज रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। देर रात थाना बाजार खाला क्षेत्र के हैदरगंज चौराहे पर एक डंपर अनियंत्रित होकर डिवाइडर पर चढ़ गया। हादसे में बाल-बाल बची जानें, पर पुलिस की गैरमौजूदगी और आवागमन में बाधा ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

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Aug 21, 2025
लखनऊ में तेज रफ्तार का कहर (फोटो सोर्स : Social Media, Whatsapp)

Speeding Dumper Climbs Divider in Lucknow: राजधानी लखनऊ में तेज रफ्तार वाहनों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीती देर रात थाना बाजार खाला क्षेत्र के हैदरगंज चौराहे के पास एक तेज रफ्तार डंपर अनियंत्रित होकर डिवाइडर पर चढ़ गया। हादसा इतना गंभीर था कि यदि उस समय सड़क पर वाहन या राहगीर मौजूद होते तो बड़ा हादसा हो सकता था।

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देर रात का खतरनाक नजारा

  • प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, डंपर चालक ने तेज रफ्तार में वाहन पर से नियंत्रण खो दिया और सीधा डिवाइडर पर चढ़ गया।
  • डंपर के आगे के दोनों पहिये टूट गए और सड़क पर ऑयल फैल गया, जिससे फिसलन बढ़ गई।
  • रात का समय होने के बावजूद सड़क पर कुछ वाहन गुजर रहे थे, लेकिन सौभाग्य से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
  • हादसे के तुरंत बाद चालक मौके से फरार हो गया, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो सका कि चालक नशे में था या थकान के कारण नियंत्रण खो बैठा।

आवागमन में बाधा, लोगों को दिक्कत

  • हैदरगंज चौराहे पर हुए इस हादसे के कारण सड़क पर वाहनों का आवागमन प्रभावित हो गया।
  • ऑयल फैलने और डंपर के बीच सड़क पर फंसे रहने से राहगीरों, स्कूल जाने वाले बच्चों और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
  • प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्थानीय पुलिस मौके पर मौजूद नहीं थी, जिससे जाम की स्थिति कई घंटों तक बनी रही।
  • लोग खुद ही ऑयल फैलने वाले हिस्से को पार करने के लिए वाहनों को सावधानीपूर्वक निकालते रहे।

स्थानीय पुलिस की गैरमौजूदगी पर सवाल

  • घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
  • उनका कहना है कि हादसे के लगभग एक घंटे बाद तक भी कोई पुलिसकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा, जबकि यह क्षेत्र व्यस्त चौराहे के रूप में जाना जाता है।
  • लोगों ने मांग की कि ट्रैफिक पुलिस को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में चौकसी बढ़ानी चाहिए, खासकर रात के समय जब तेज रफ्तार वाहन आसानी से निकल जाते हैं।

तेज रफ्तार का बढ़ता खतरा

  • लखनऊ में पिछले कुछ महीनों से लगातार तेज रफ्तार वाहनों के कारण दुर्घटनाओं की खबरें आ रही हैं।
  • शहर के प्रमुख इलाकों में रात के समय भारी वाहन और डंपर बिना किसी रोक-टोक के तेज रफ्तार से दौड़ते हैं।
  • ट्रैफिक पुलिस की निगरानी मुख्य चौराहों तक सीमित रहने से आंतरिक और उपनगरीय क्षेत्रों में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

विशेषज्ञों और आम लोगों की राय

यातायात विशेषज्ञों का कहना है कि तेज रफ्तार पर नियंत्रण और भारी वाहनों के आवागमन के समय निर्धारण के बिना ऐसी घटनाओं को रोक पाना मुश्किल है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हैदरगंज और आसपास के क्षेत्रों में भारी वाहनों की आवाजाही रात के समय कम करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।

सड़क सुरक्षा पर बड़ा सवाल

  • यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं बल्कि सड़क सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है।
  • डंपर का डिवाइडर पर चढ़ना इस बात का संकेत है कि वाहनों की गति सीमा लागू करने और निगरानी में ढिलाई बरती जा रही है।
  • अगर हादसा दिन के समय होता, जब सड़क पर स्कूली बच्चे और आम लोग अधिक संख्या में निकलते हैं, तो यह एक बड़ा जनहानि वाला मामला बन सकता था।

लोगों की अपील और अपेक्षा

  • स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
  • रात में ट्रैफिक पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए।
  • भारी वाहनों के लिए निर्धारित मार्ग और समय तय किया जाए।
  • खतरनाक चौराहों पर सीसीटीवी निगरानी और स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं।

संभावित समाधान और प्रशासन की जिम्मेदारी

विशेषज्ञों का सुझाव है कि हैवी व्हीकल्स के लिए बाईपास का अनिवार्य उपयोग सुनिश्चित किया जाए।ड्राइवरों के लिए नियमित फिटनेस और अल्कोहल टेस्ट किए जाएं। सड़क पर स्पीड मॉनिटरिंग कैमरे लगाए जाएं जो तुरंत जुर्माने की कार्रवाई कर सकें।दुर्घटना के बाद तेज प्रतिक्रिया (Quick Response) के लिए स्थानीय पुलिस को और प्रशिक्षित किया जाए।

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