लखनऊ

UGC NET Exam Canceled: नीट और यूजीसी नेट परीक्षा के पेपर लीक की क्या है सच्चाई? अखिलेश यादव के बयान से गरमाई यूपी की सियासत

UGC NET Exam Canceled: पहले नीट और अब यूजीसी नेट परीक्षा के पेपर लीक मामले ने तूल पकड़ लिया है। सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इसके पीछे का गणित बताते हुए बयान जारी किया है। इससे यूपी की सियासत में भूचाल आ गया है। आइए जानते हैं।

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Jun 20, 2024
नीट और यूजीसी नेट परीक्षा के पेपर लीक की क्या है सच्चाई? अखिलेश यादव के बयान से गरमाई यूपी की सियासत

UGC NET Exam Canceled: यूजीसी नेट परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद बुधवार को शिक्षा मंत्रालय ने UGC नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट सी यूजीसी-नेट जून 2024 की परीक्षा रद कर दी है। इसके विरोध में गुरुवार को छात्र-छात्राओं ने लखनऊ में भारी विरोध प्रदर्शन किया। परीक्षा रद करने के पीछे शिक्षा मंत्रालय ने तर्क किया कि परीक्षा में गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही जांच के लिए यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है। यह फैसला मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में कथित अनियमितताओं को लेकर जारी विवाद के बीच आया है।

इसका असर करीब 9 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स पर सीधा पड़ेगा। उन्हें दोबारा एग्जाम देना होगा। सरकार के इस फैसले के आते ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बड़ा बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए नीट और यूजीसी नेट परीक्षा के पेपर लीक होने के पीछे का गणित बताया है। हालांकि अखिलेश यादव के बयान से पहले हम ये जानेंगे कि आखिर यूजीसी नेट परीक्षा क्या है और अब ये परीक्षा दोबारा कब होगी?

पहले समझिए UGC-NET एग्जाम क्या है?

सबसे पहले आपको ये समझना है कि यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट देश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर या जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर की पात्रता के लिए आयोजित किया जाता है। जेआरएफ और सहायक प्रोफेसरशिप के लिए पात्रता यूजीसी-नेट के पेपर- I और पेपर- II में उम्मीदवार की परफॉरमेंस के आधार पर तय होती है। जो उम्मीदवार केवल सहायक प्रोफेसर पद के लिए क्वालीफाई करते हैं, उन्हें इसके बाद सहायक प्रोफेसर बनने के लिए संबंधित यूनिवर्सिटी, कॉलेजों या राज्य सरकारों के भर्ती नियमों का पालन करना होता है।

मंगलवार को 317 शहरों में आयोजित की गई थी UGC-NET परीक्षा

दरअसल, बीते मंगलवार को देशभर के 317 शहरों में यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसमें 11 लाख 21 हजार से ज्यादा पंजीकृत उम्मीदवारों में से लगभग 81 प्रतिशत उपस्थित हुए थे। यूजीसी-नेट हर साल दो बार (जून और दिसंबर) आयोजित किया जाता है। अब ये परीक्षा पेपर लीक होने की खबरों के बीच रद कर दी गई है। इसके बारे में शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परीक्षा का आयोजन दोबारा कराया जाएगा। हालांकि यह कब होगा, इस सवाल पर उन्होंने बताया कि इसके लिए अलग से जानकारी साझा की जाएगी।

राष्ट्रीय साइबर अपराध इकाई के इनपुट पर रद हुई UGC-NET परीक्षा

मंगलवार को एग्जाम हुआ और बुधवार रात को इसे रद्द कर दिया गया। दरअसल यूजीसी को गृह मंत्रालय की राष्ट्रीय साइबर अपराध इकाई से कुछ इनपुट मिले थे।, जिससे पता चल रहा था कि यूजीसी नेट एग्जाम में गड़बड़ी हुई है। इसकी खबर बाहर आते ही उम्मीदवारों में आक्रोश फैल गया। इसपर शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा को धयान में रखते हुए इस परीक्षा को रद करने का फैसला लिया।

अब जानिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने क्या बताया?

यूजीसी नेट परीक्षा रद होने का नोटिफिकेशन जारी होते ही छात्र-छात्राओं में भारी आक्रोश फैल गया। गुरुवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में छात्र-छात्राओं ने इसके खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया। इस बीच सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पोस्ट लिखकर अपना बयान जारी किया। इसमें उन्होंने लिखा "… और अब गड़बड़ी की ख़बर के बाद UGC- NET की परीक्षा भी रद्द कर दी गयी है। भाजपा के राज में पेपर माफ़िया एक के बाद एक, हर एग्ज़ाम में धांधली कर रहा है। ये देश के ख़िलाफ़ किसी की बड़ी साज़िश भी हो सकती है।"

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर समझाई गहरी बात

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंड X पर लिखा "पुलिस भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होगा तो क़ानून-व्यवस्था नहीं सुधरेगी। जिससे देश-प्रदेश में अशांति और अस्थिरता बनी रहेगी। NEET की परीक्षा में घपला होगा तो ईमानदार लोग डॉक्टर नहीं बन पाएंगे और देश के लोगों के इलाज के लिए भविष्य में डॉक्टरों की कमी और बढ़ जाएगी और बेईमान लोग, जनता के जीवन के लिए ख़तरा बन जाएंगे।"

कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की अखिलेश यादव ने उठाई मांग

अखिलेश यादव ने आगे लिखा "UGC-NET परीक्षा न होने से, पहले से शिक्षकों की जो कमी चली आ रही है। उसमें और भी ज्यादा इजाफा होगा। शिक्षकों की कमी से देश के मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होगी, जो कालांतर में देश के लिए बेहद घातक साबित होगी। इन सबसे प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था चौपट हो जाएगी। ये हमारे देश के शासन-प्रशासन व देश के मानव संसाधन के विरूद्ध कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र भी हो सकता है, जिसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम निकलेंगे।

इसीलिए कोर्ट की निगरानी में इसकी कठोर जांच हो और दोषियों को कठोरतम सज़ा दी जाए, और कोई भी अपराधी छोड़ा न जाए, फिर वो चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो या फिर उसके सिर पर सत्ता का हाथ ही क्यों न हो। लोग कह रहे हैं जो भ्रष्ट लोग कोरोना के वैक्सीन में चुनावी चंदे के नाम पर पीछे से करोड़ों रूपये खा सकते हैं, वो भला परीक्षा-प्रणाली को क्या छोड़ेंगे।”

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