UP BJP New State President Pankaj Choudhary: उत्तर प्रदेश भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने के बाद सियासत तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को डिमोशन बताने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि यह पद बड़ी जिम्मेदारी और संगठनात्मक विश्वास का प्रतीक है।
UP BJP Gets New State President: उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने के बाद सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपे जाने के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की टिप्पणी पर अब भाजपा की ओर से तीखा जवाब आया है। नये प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रदेश अध्यक्ष का पद कोई डिमोशन नहीं बल्कि पार्टी की सबसे बड़ी और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक है। उन्होंने कहा कि भाजपा में पद नहीं, दायित्व महत्वपूर्ण होता है और एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी जो भी जिम्मेदारी सौंपती है, उसे सौभाग्य मानकर निभाया जाता है।
पंकज चौधरी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर विपक्ष भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने साफ किया कि वह आज भी भारत सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं और जब तक पार्टी चाहेगी, तब तक उस जिम्मेदारी को निभाते रहेंगे। इसमें किसी तरह का डिमोशन या पदावनति का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा में हर कार्यकर्ता संगठन को सर्वोपरि मानता है। प्रदेश अध्यक्ष बनना मेरे लिए गर्व की बात है। यह पद जिम्मेदारी मांगता है, अहंकार नहीं।
दरअसल, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर टिप्पणी करते हुए इसे ‘डिमोशन’ करार देने की कोशिश की थी। इसी बयान पर पलटवार करते हुए पंकज चौधरी ने कहा कि सपा नेतृत्व को भाजपा की संगठनात्मक संस्कृति समझ में नहीं आती। उन्होंने कहा कि भाजपा में सत्ता और संगठन एक-दूसरे के पूरक हैं, न कि विरोधी। यहां संगठन का पद किसी भी संवैधानिक पद से कम नहीं होता।
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पंकज चौधरी दिल्ली रवाना हो गए हैं, जहां वे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इन बैठकों में उत्तर प्रदेश की राजनीतिक रणनीति, संगठनात्मक मजबूती और 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर अहम चर्चा होगी।
पंकज चौधरी भाजपा के उन नेताओं में शुमार हैं, जिनके पास संगठन और सरकार दोनों का लंबा अनुभव है। वे सात बार के सांसद रह चुके हैं और कुर्मी समाज से आते हैं। उनका राजनीतिक सफर जमीन से जुड़ा रहा है, जिसे भाजपा संगठन में उनकी बड़ी ताकत माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पंकज चौधरी का प्रदेश अध्यक्ष बनना केवल संगठनात्मक फैसला नहीं बल्कि सामाजिक और चुनावी रणनीति का भी हिस्सा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा ने पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कुर्मी समाज को फिर से साधने का बड़ा दांव चला है। 2024 के लोकसभा चुनाव में इस समाज का एक बड़ा हिस्सा सपा की ओर झुकता दिखा था, जिसे भाजपा अब वापस अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। कुर्मी समाज उत्तर प्रदेश की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता रहा है, खासकर पूर्वांचल और मध्य यूपी के कई जिलों में। ऐसे में पंकज चौधरी का प्रदेश अध्यक्ष बनना सामाजिक संतुलन के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
पंकज चौधरी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता के लिए हर जिम्मेदारी सौभाग्य होती है। पार्टी जिस भी भूमिका में कार्यकर्ता को रखती है, वह पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनकी प्राथमिकता संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना, कार्यकर्ताओं को सम्मान देना और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाना होगा।
इधर, भाजपा ने समाजवादी पार्टी पर हमला तेज कर दिया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) मॉडल को हवा-हवाई बताते हुए कहा कि सपा के पास आज भी वही पुराना कुनबा है, जिसमें गुंडे, माफिया और अपराधी शामिल हैं। केशव मौर्य ने कहा कि “सपा आज भी अपने पुराने चरित्र से बाहर नहीं आ पाई है। जनता ने बार-बार उसे नकारा है और आगे भी नकारती रहेगी।
उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने दावा किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत और भी प्रचंड होगी। उन्होंने कहा कि “मगध के बाद अब अवध में भी कमल खिलेगा।” उनके इस बयान को भाजपा की आत्मविश्वास भरी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। केशव मौर्य ने यह भी कहा कि सपा का राजनीतिक सफर सिमटता जा रहा है और पार्टी एक बार फिर सैफई तक सीमित रह जाएगी।
पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा संगठन में सक्रियता बढ़ने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि वे जल्द ही प्रदेशभर में दौरे शुरू करेंगे और जिलों, मंडलों व बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए नई टीम और रणनीति बनाएंगे। भाजपा नेतृत्व का फोकस अब साफ तौर पर 2027 विधानसभा चुनाव पर है, जिसमें संगठनात्मक मजबूती, सामाजिक संतुलन और सरकार की उपलब्धियों को प्रमुख हथियार बनाया जाएगा।
कुल मिलाकर पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने साफ संकेत दे दिया है कि पार्टी संगठन को और मजबूत करने के साथ-साथ सामाजिक समीकरणों को भी साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। वहीं, अखिलेश यादव की टिप्पणी पर भाजपा का पलटवार यह दिखाता है कि आने वाले दिनों में सियासी बयानबाज़ी और तेज होने वाली है।