लखनऊ

UP Engineers Transfer: सिंचाई विभाग में टूटा रिकॉर्ड: 244 अवर, 86 सहायक और 19 अधिशासी अभियंताओं के तबादले

Irrigation Department Record Transfer:  एक ऐतिहासिक पहल के तहत उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग (यांत्रिक शाखा) ने लखनऊ स्थित परिकल्प भवन में अब तक का सबसे बड़ा पारदर्शी स्थानांतरण अभियान आयोजित किया। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में 19 अधिशासी अभियंताओं, 86 सहायक अभियंताओं और 244 अवर अभियंताओं को निष्पक्ष व डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से अपनी पसंद के तैनाती स्थल चुनने का अवसर दिया गया।  

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Jun 09, 2025
फोटो सोर्स : Patrika: सिंचाई विभाग में तबादलों का टूटा रिकार्ड, ऐतिहासिक प्रक्रिया संपन्न

UP Engineers Record Transfers: प्रदेश सरकार की प्रशासनिक सख्ती और पारदर्शिता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। राजधानी लखनऊ स्थित परिकल्प भवन में रविवार को सिंचाई विभाग (यांत्रिक शाखा) के स्थानांतरण कार्यक्रम में तबादलों का अब तक का रिकॉर्ड टूट गया। इस प्रक्रिया को ऐतिहासिक इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि इसमें पहली बार डिजिटल प्रणाली और अभियंताओं की प्रत्यक्ष भागीदारी को पूरी तरह से लागू किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वयं जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा है कि हर प्रकार की नियुक्ति, पदस्थापन और स्थानांतरण पूरी पारदर्शिता और न्यायसंगत प्रक्रिया के तहत हों। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार अभियंताओं को आमने-सामने बैठाकर उनके ऐच्छिक स्थानांतरण विकल्प लिए गए।

जलशक्ति मंत्री ने कहा, "हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर कर्मचारी और अधिकारी को कार्यक्षेत्र में न्याय मिले और विभाग की कार्यप्रणाली किसान हित में अधिक प्रभावी बन सके। सिंचाई विभाग का उद्देश्य किसानों के खेतों तक समय से पानी पहुंचाना है ताकि उनकी आय बढ़े और वे आत्मनिर्भर बन सकें। इसलिए विभाग में कुशल और समर्पित कार्मिकों की तैनाती अत्यंत आवश्यक है।"

ऐतिहासिक तबादले: आंकड़ों में रिकॉर्ड

परिकल्प भवन के भव्य सभागार में आयोजित इस विशेष स्थानांतरण कार्यक्रम में 19 अधिशासी अभियंता, 86 सहायक अभियंता और 244 अवर अभियंता शामिल हुए। इन्हें उनके इच्छित तैनाती स्थलों के विकल्प प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया। तबादलों की इस प्रक्रिया में सरकार की नीति के तहत वरिष्ठता, विभागीय नियमावली और पारदर्शी प्राथमिकता का सख्ती से पालन किया गया। इसके अलावा डिजिटल प्रणाली के जरिए सारी प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया गया, ताकि कोई भी विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो। जलशक्ति मंत्री ने बताया, "हमने प्रत्येक अभियंता को अपने विकल्प देने का पूरा अधिकार दिया। इस दौरान कोई भी दबाव या पक्षपात नहीं किया गया। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पंजीकरण, ऑफलाइन काउंसलिंग और कंप्यूटर आधारित निर्णय प्रक्रिया के तहत संचालित हुई।"

पारदर्शी प्रक्रिया से मिला सभी को संतोष

तबादले की इस खुली प्रक्रिया से विभाग के अभियंताओं में भी काफी संतोष और विश्वास देखने को मिला। कई अभियंताओं ने खुले मंच पर सरकार और विभागीय नेतृत्व के प्रति आभार जताते हुए कहा कि पहली बार उन्हें यह अनुभव हुआ कि स्थानांतरण की प्रक्रिया में उनकी राय को महत्व दिया गया है। एक वरिष्ठ सहायक अभियंता ने कहा, "पहले स्थानांतरण में कई बार वरिष्ठता और पसंद को नजरअंदाज कर दिया जाता था। इस बार हमने खुलकर अपनी पसंद जाहिर की और पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुई।"

वरिष्ठ नेतृत्व की विशेष उपस्थिति

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में जलशक्ति राज्य मंत्री राकेश निषाद, प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन अनिल गर्ग, प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष अखिलेश सचान, प्रमुख अभियंता (परिकल्प एवं नियोजन) संदीप कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने मंच से अपने विचार रखे और अभियंताओं से आह्वान किया कि वे अपनी नई तैनाती स्थलों पर पूरी दक्षता, प्रतिबद्धता और निष्पक्षता के साथ कार्य करें।

सरकार की मंशा: पारदर्शिता और जवाबदेही

जल शक्ति मंत्री ने दो टूक कहा कि सरकार किसी भी प्रकार के अव्यवस्थित, भ्रष्ट या पक्षपातपूर्ण स्थानांतरण को बर्दाश्त नहीं करेगी। यह पूरी प्रक्रिया एक उदाहरण है कि प्रशासनिक पारदर्शिता से कैसे सकारात्मक माहौल बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर विभाग में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी केवल अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। नियुक्ति, पदस्थापन या स्थानांतरण में किसी प्रकार की सिफारिश या दबाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।"

किसानों के हित में होगी विभागीय दक्षता

सिंचाई विभाग का मुख्य कार्य किसानों को समयबद्ध, पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण सिंचाई सुविधा प्रदान करना है। जलशक्ति मंत्री ने कहा कि विभागीय सुधारों और प्रशासनिक पारदर्शिता के माध्यम से अब यह लक्ष्य और अधिक प्रभावी ढंग से पूरा होगा। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य सिर्फ विभागीय रिकार्ड सुधारना नहीं है, बल्कि प्रदेश के किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। इसके लिए सिंचाई विभाग का हर अभियंता एक महत्वपूर्ण कड़ी है।"

प्रक्रिया में अपनाए गए प्रमुख बिंदु

  • अभियंताओं से प्रत्यक्ष आमने-सामने बैठाकर विकल्प लिए गए।
  • डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से प्रत्येक कदम रिकॉर्ड किया गया।
  • वरिष्ठता और विभागीय नियमावली का पूर्ण अनुपालन।
  • कोई सिफारिश या दबाव स्वीकार नहीं किया गया।
  • काउंसलिंग प्रक्रिया में उच्च अधिकारियों की सतत निगरानी।
  • तबादला आदेश व्यक्तिगत और डिजिटल दोनों माध्यमों से निर्गत।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे "उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक मील का पत्थर" बताया। प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष अखिलेश सचान ने कहा, "हमारा प्रयास है कि सिंचाई विभाग में ऐसी व्यवस्था स्थापित हो, जिसमें कर्मचारियों को भरोसा हो कि उनकी वरिष्ठता, योग्यता और पारदर्शिता का सम्मान होता है।" प्रमुख अभियंता (परिकल्प एवं नियोजन) संदीप कुमार ने कहा, "इस प्रक्रिया से विभाग के कार्य में निश्चित रूप से सुधार होगा। अभियंताओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है।"

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