Codeine Syrup SIT Probe: उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री और दुरुपयोग के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। गृह विभाग के आदेश पर मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, जिससे नशा माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी है।
UP Govt Forms SIT to Probe Codeine Syrup Racket: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अवैध रूप से बिक रहे नशीले कोडीन युक्त कफ सिरप के मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। इस संबंध में गृह विभाग के सचिव और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मोहित गुप्ता द्वारा आधिकारिक आदेश जारी किया गया है। इस कदम को नशे के अवैध कारोबार पर निर्णायक प्रहार के रूप में देखा जा रहा है। प्रदेश के कई जिलों से लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि मेडिकल स्टोरों और अवैध नेटवर्क के माध्यम से कोडीन फॉस्फेट युक्त कफ सिरप की कालाबाजारी हो रही है। युवा वर्ग में इसके बढ़ते दुरुपयोग और इससे जुड़ी आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए सरकार ने अब मामले की गहन जांच के लिए SIT के गठन का फैसला लिया है।
कोडीन फॉस्फेट एक नियंत्रित श्रेणी की दवा है, जिसका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर गंभीर खांसी के इलाज में किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसका दुरुपयोग नशीले पदार्थ के रूप में तेजी से बढ़ा है। इसे सिरप के रूप में अधिक मात्रा में सेवन कर नशे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ते हैं। पुलिस और नारकोटिक्स विभाग की जांच में सामने आया है कि कई जगहों पर फर्जी डॉक्टरों के नाम पर पर्चे बनाकर या बिना पर्चे के ही बड़ी मात्रा में यह सिरप बेची जा रही थी। इतना ही नहीं, इस अवैध कारोबार से जुड़े नेटवर्क दूसरे राज्यों तक भी फैले हुए बताए जा रहे हैं।
सरकार के अनुसार यह मामला अब केवल अवैध दवा बिक्री तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके तार संगठित अपराध, अंतरराज्यीय तस्करी और फार्मा कंपनियों की संदिग्ध भूमिका तक पहुंच चुके हैं। इसी वजह से सामान्य जांच के बजाय एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। गृह सचिव मोहित गुप्ता द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि SIT पूरे नेटवर्क की परत-दर-परत जांच करेगी, सप्लाई चेन की पहचान करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
SIT को यह भी अधिकार दिया गया है कि वह आवश्यकता पड़ने पर अन्य राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों से भी सहयोग ले सकेगी।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोडीन युक्त सिरप का लगातार सेवन युवाओं में मानसिक और शारीरिक लत को जन्म देता है। इससे न केवल उनका स्वास्थ्य बिगड़ता है, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक ताना-बाना भी प्रभावित होता है। सरकार का यह कदम युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, पहले भी कई जिलों में छापेमारी कर हजारों बोतलें कोडीन सिरप जब्त की जा चुकी हैं, लेकिन अब SIT के गठन के बाद कार्रवाई और अधिक व्यापक और संगठित तरीके से होगी।
यह पहला मौका नहीं है जब कोडीन कफ सिरप के दुरुपयोग का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी कई बार मीडिया रिपोर्ट्स और सामाजिक संगठनों ने चेताया था कि मेडिकल स्टोरों पर नियमों की अनदेखी हो रही है। लेकिन अब सरकार ने इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए उच्चस्तरीय जांच का रास्ता अपनाया है।
गृह विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “एसआईटी का उद्देश्य केवल छोटी मछलियों को पकड़ना नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना है। चाहे इसमें कोई भी प्रभावशाली व्यक्ति या संस्था शामिल क्यों न हो, कानून अपना काम करेगा। हालांकि, आदेश जारी होने के बाद भी सरकार की ओर से अभी तक SIT के सदस्यों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें अनुभवी पुलिस और ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।