UP Assembly Monsoon Session 2 Day: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र का दूसरा दिन आज भी हंगामेदार रहने के आसार लिए है। प्रश्नकाल और अहम विधायी कार्यों के साथ, सदन में छह अध्यादेशों पर चर्चा होगी। अध्यक्ष ने सभी दलों से सहयोग की अपील की है, जबकि कल 13 अगस्त को विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर चर्चा होगी।
UP Vidhan Sabha Latest Updates: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र जारी है और आज इसका दूसरा दिन है। राजनीतिक हलचल, विपक्ष की रणनीति और सत्ता पक्ष की तैयारियों के बीच सदन के आज भी हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग मांगा है।
आज सदन में कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य और अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। आज का दिन खास इसलिए भी है क्योंकि सिर्फ आज ही प्रश्नकाल और उत्तर देने की प्रक्रिया होगी। इसके अलावा, कई अन्य विधायी प्रस्तावों पर विचार और पारित करने का कार्यक्रम है। कल के मुकाबले आज कार्यवाही अपेक्षाकृत संक्षिप्त होगी, क्योंकि कल 13 अगस्त को सरकार का "विजन डॉक्यूमेंट 2047" पेश किया जाएगा और उस पर विस्तृत चर्चा होगी।
सोमवार को सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया था। समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया और पूरे दिन बहिष्कार किया। विपक्ष की ओर से सरकार पर कई मुद्दों पर असंतोष जताया गया, जबकि सत्ता पक्ष विधायी कार्य को आगे बढ़ाने में जुटा रहा। अध्यक्ष ने कल सुबह 11 बजे तक के लिए सदन स्थगित कर दिया था।
पहले दिन सरकार ने सदन के पटल पर छह महत्वपूर्ण अध्यादेश रखे, जो इस प्रकार हैं.
पहले दिन की तरह आज भी सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव के संकेत मिल रहे हैं। सपा के साथ-साथ कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं। सत्ता पक्ष की कोशिश होगी कि आज का प्रश्नकाल सुचारू रूप से चले और विधायी कार्य में बाधा न आए।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि "सदन लोकतंत्र का मंदिर है और यहां जनता के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। सभी दलों को आपसी सहयोग से सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि हंगामा होता है तो कार्यवाही बाधित होगी, जिससे जनता से जुड़े महत्वपूर्ण विधायी कार्य अधूरे रह जाएंगे।
कल 13 अगस्त को सदन में पेश होने वाले "विजन डॉक्यूमेंट 2047" पर सभी की निगाहें हैं। यह दस्तावेज उत्तर प्रदेश के अगले 22 वर्षों के विकास की रूपरेखा तय करेगा, जिसमें बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर दीर्घकालिक योजना होगी। सत्ता पक्ष का दावा है कि यह दस्तावेज यूपी को "अग्रणी राज्यों" में लाने की दिशा में रोडमैप साबित होगा, जबकि विपक्ष पहले ही इसकी आलोचना कर रहा है कि यह "सिर्फ कागजी वादों का पुलिंदा" हो सकता है।