लखनऊ

UP Balvatika 2025: 15 अगस्त को योगी सरकार देगी 3000 से अधिक बाल वाटिकाओं का तोहफ़ा, शिक्षा में नया अध्याय

UP Anganwadi to Balvatika: उत्तर प्रदेश में 15 अगस्त को योगी सरकार एक बड़ा शैक्षिक कदम उठाने जा रही है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेश की 3000 से अधिक नव-संचालित बाल वाटिकाएं एक साथ क्रियाशील होंगी, जिससे नन्हें बच्चों के सर्वांगीण विकास और शिक्षा की मजबूत नींव रखने का सपना साकार होगा।

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Aug 11, 2025
UP Basic Education फोटो सोर्स : Patrika

UP Balvatika: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश इस स्वतंत्रता दिवस पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करने जा रहा है। 15 अगस्त 2025 को प्रदेश भर में 3000 से अधिक नव-संचालित बालवाटिकाएं एक साथ पूरी तरह क्रियाशील हो जाएंगी। यह पहल न केवल बच्चों के शैक्षिक जीवन की मजबूत नींव रखेगी, बल्कि उन्हें रचनात्मक, आत्मविश्वासी और जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगी। स्वतंत्रता दिवस के विशेष अवसर पर इन सभी बाल वाटिकाओं में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षक और अभिभावक शामिल होकर बच्चों का उत्साहवर्धन करेंगे। कार्यक्रमों के दौरान बाल वाटिका के महत्व, प्रारंभिक शिक्षा के लाभ और सरकार की योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा होगी।

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बाल्यावस्था से ही मजबूत नींव की पहल

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुसार प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE) को संपूर्ण शिक्षा यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण आधार माना गया है। इस नीति के अनुरूप, योगी सरकार ने प्रदेश के सभी सह-स्थित आंगनवाड़ी केन्द्रों को चरणबद्ध रूप से बाल वाटिकाओं में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। शोध बताते हैं कि जीवन के पहले आठ वर्ष बच्चों के मस्तिष्क के विकास और उनकी सीखने की क्षमता के लिए निर्णायक होते हैं। इस अवधि में मिलने वाला सही पोषण, सही शिक्षा और सही वातावरण, बच्चे के पूरे जीवन को प्रभावित करता है। बालवाटिकाएं इसी उद्देश्य से बनाई जा रही हैं, ताकि बच्चों को भाषा, संज्ञानात्मक, सामाजिक और रचनात्मक कौशल में मजबूत किया जा सके।

विद्यालय पेयरिंग नीति से संसाधनों का बेहतर उपयोग

कम नामांकन वाले विद्यालयों को पास के विद्यालयों से जोड़कर संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया गया है। इस "पेयरिंग पॉलिसी" के तहत विद्यालयों में रंगाई-पुताई, सौंदर्यीकरण, बाल-अनुकूल कक्षाओं का निर्माण, प्रिंट-रिच वातावरण और शिक्षण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके बाद इन विद्यालयों में बाल वाटिका संचालन शुरू किया जाएगा।

हर सुविधा, हर मुस्कान: कंचन वर्मा

महानिदेशक स्कूल शिक्षा,  कंचन वर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई है। इसमें गतिविधि-आधारित किट (वंडर बॉक्स), लर्निंग कॉर्नर, आउटडोर खेल सामग्री, बाल-हितैषी फर्नीचर, स्टेशनरी आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ECCE शिक्षक, शिक्षामित्र और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, ताकि वे 3 से 6 वर्ष के बच्चों को "स्कूल रेडी" बना सकें। साथ ही बच्चों के पोषण पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा, ताकि वे मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से स्वस्थ रहें।

सरकार का स्पष्ट लक्ष्य -आत्मनिर्भर और शिक्षित पीढ़ी

बेसिक शिक्षा मंत्री  संदीप सिंह ने कहा,कि "हमारी सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रारंभिक शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। बाल वाटिका के माध्यम से हम बच्चों के सर्वांगीण विकास और पोषण पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, ताकि वे भविष्य के सशक्त, आत्मविश्वासी और जिम्मेदार नागरिक बन सकें। 15 अगस्त को प्रदेश की 3000 से अधिक बाल वाटिकाओं को पूरी तरह क्रियाशील कर, हम बच्चों को शिक्षा का मजबूत आधार देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं।"

अभिभावकों की भागीदारी भी होगी सुनिश्चित

इस योजना की एक विशेषता यह भी है कि उद्घाटन समारोह में अभिभावकों को भी शामिल किया जाएगा। उनके साथ संवाद स्थापित कर बाल वाटिका के महत्व और प्रारंभिक शिक्षा के लाभ के बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि वे अपने बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

शिक्षा का भविष्य, प्रदेश का भविष्य

यह कदम केवल 3000 बालवाटिकाओं तक सीमित नहीं रहेगा। सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को उच्च गुणवत्ता वाली बालवाटिकाओं में परिवर्तित करना है। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश की आने वाली पीढ़ी को एक सशक्त आधार भी मिलेगा।

खास बातें 

  • 15 अगस्त को 3000 से अधिक बाल वाटिकाएं एक साथ क्रियाशील होंगी।
  • उद्घाटन समारोह में जनप्रतिनिधि, अधिकारी और अभिभावक रहेंगे मौजूद।जोर।पेयरिंग पॉलिसी के जरिए विद्यालयों का सौंदर्यीकरण और संसाधन बढ़ाए गए।
  • बच्चों के लिए वंडर बॉक्स, लर्निंग कॉर्नर, आउटडोर खेल सामग्री उपलब्ध।
  • ECCE शिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण।

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