UP Winter Session: यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान ( SIR ) को लेकर सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने भाजपा पर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि सपा सही मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी।
Shivpal Yadav Targets BJP UP Winter Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर सियासी टकराव और तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा एसआईआर के नाम पर एक बड़ा षड्यंत्र रच रही है, जिसे समाजवादी पार्टी पूरी ताकत से लड़ रही है और आगे भी लड़ती रहेगी। शिवपाल यादव का यह बयान उस वक्त सामने आया जब सत्र के पहले दिन सदन में विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक के संकेत साफ नजर आने लगे हैं। SIR को लेकर विपक्ष पहले ही सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाता रहा है।
शिवपाल यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि समाजवादी पार्टी किसी भी कीमत पर सही मतदाताओं के नाम हटने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि जो समाजवादी पार्टी SIR के मुद्दे पर बोल रही है, वह सिर्फ बोल नहीं रही, बल्कि भाजपा जो षड्यंत्र कर रही है, समाजवादी पार्टी उसे लड़ भी रही है। जो सही वोट हैं, उन्हें सही कराएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि SIR की आड़ में खास वर्गों और क्षेत्रों के मतदाताओं को सूची से बाहर करने की कोशिश की जा रही है, ताकि चुनावी लाभ लिया जा सके। शिवपाल यादव ने कहा कि यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
सपा नेता ने साफ किया कि यह लड़ाई केवल विधानसभा तक सीमित नहीं रहेगी। जरूरत पड़ी तो समाजवादी पार्टी सड़क से लेकर अदालत तक जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर मतदाताओं को जागरूक करेंगे और जिनके नाम गलत तरीके से हटाए जा रहे हैं, उन्हें दोबारा जुड़वाने की प्रक्रिया में मदद करेंगे। शिवपाल यादव ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार मतदाता सूची में हेरफेर कर विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है, लेकिन समाजवादी पार्टी ऐसा नहीं होने देगी।
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पहले से ही राजनीतिक बहस का विषय बना हुआ है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया के तहत बड़े पैमाने पर नाम काटे जा रहे हैं, जबकि सरकार का दावा है कि यह अभियान मतदाता सूची को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए चलाया जा रहा है। शिवपाल यादव के बयान के बाद यह मुद्दा और अधिक गरमा गया है। सपा इसे आगामी चुनावों से जोड़कर देख रही है और इसे भाजपा की रणनीति बता रही है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही यह साफ हो गया है कि एसआईआर का मुद्दा सदन में प्रमुख रहेगा। समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दल सरकार से इस पर जवाब मांगने की तैयारी में हैं। सपा नेताओं का कहना है कि सरकार इस विषय पर सदन में स्पष्ट बयान दे और यह भरोसा दिलाए कि किसी भी योग्य मतदाता का नाम सूची से नहीं हटेगा।
शिवपाल यादव ने भाजपा सरकार पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव निष्पक्ष हों, इसके लिए मतदाता सूची का सही होना जरूरी है। यदि सूची में गड़बड़ी होगी, तो जनता का भरोसा लोकतंत्र से उठ जाएगा।उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा से लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए खड़ी रही है और आगे भी रहेगी।
SIR के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के साथ-साथ अन्य विपक्षी दलों की भी आपत्ति सामने आ रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर विपक्ष एकजुट होकर सरकार को घेरेगा। शिवपाल यादव के बयान को विपक्ष की इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।