लखनऊ

Yogi Adityanath Mission Moringa: सहजन,मतलब सेहत के लिए पावर हाउस, मुख्यमंत्री भी हैं मुरीद, जानें इसके बारे में

Yogi Adityanat Drumstick: सहजन, जिसे मोरिंगा भी कहा जाता है, एक पोषण से भरपूर चमत्कारी वृक्ष है जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खास प्राथमिकता दे रहे हैं। यह पौधा न केवल कुपोषण से लड़ने में मददगार है, बल्कि खेती, पर्यावरण और पशुपालन के क्षेत्र में भी बेहद उपयोगी साबित हो रहा है।

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May 25, 2025
फोटो सोर्स : Patrika

Yogi Adityanath Mission: सहजन, जिसे मोरिंगा (Moringa oleifera) भी कहा जाता है, एक अत्यंत पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर वृक्ष है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी उपयोगिता को समझते हुए उत्तर प्रदेश में इसके व्यापक प्रचार-प्रसार और पौधरोपण को प्राथमिकता दी है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि कुपोषण और एनीमिया जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में भी सहायक है।

सहजन: पोषण और स्वास्थ्य का अद्भुत स्रोत

सहजन को "मिरेकल ट्री" या "चमत्कारी वृक्ष" कहा जाता है क्योंकि इसकी पत्तियों, फलियों और बीजों में अत्यधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए, सी, कैल्शियम, पोटैशियम, प्रोटीन और आयरन की प्रचुर मात्रा होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, सहजन की पत्तियों में संतरे से सात गुना अधिक विटामिन सी, गाजर से दस गुना अधिक विटामिन ए, दूध से सत्रह गुना अधिक कैल्शियम, दही से नौ गुना अधिक प्रोटीन, केले से पंद्रह गुना अधिक पोटैशियम और पालक से पच्चीस गुना अधिक आयरन पाया जाता है । इसके अलावा, सहजन में 92 प्रकार के विटामिन्स, 46 प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स, 36 प्रकार के दर्द निवारक तत्व और 18 प्रकार के अमीनो एसिड्स होते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी बनाते हैं ।

देश के 32 फीसद बच्चे अंडरवेट, 67 फीसद एनिमिक

राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण 2019-2020 के मुताबिक देश के करीब 32 फीसद बच्चे अपनी उम्र के मानक वजन से कम (अंडरवेट) हैं। करीब 67 फीसद बच्चे ऐसे हैं जो अलग-अलग वजहों से एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित हैं। अपनी खूबियों के नाते ऐसे बच्चों के अलावा किशोरियों, मां बनने वाली महिलाओं के लिए सहजन वरदान साबित हो सकता है।

सहजन की खूबियां

सहजन सिर्फ एक पेड़ एवं वनस्पति ही नहीं बल्कि अपनी पोषण एवं औषधीय खूबियों के कारण खुद में पॉवर हाउस जैसा है। इन्हीं खूबियों के नाते इसे चमत्कारिक वृक्ष भी कहते हैं।

सहजन कर सकता है 300 रोगों की रोकथाम

सहजन की पत्तियों एवं फलियों में 300 से अधिक रोगों की रोकथाम के गुण होते हैं। इनमें 92 तरह के विटामिन्स, 46 तरह के एंटी ऑक्सीडेंट, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं।

तुलनात्मक रूप से सहजन के पौष्टिक गुण

  • विटामिन सी- संतरे से सात गुना।
  • विटामिन ए- गाजर से चार गुना।
  • कैल्शियम- दूध से चार गुना।
  • पोटैशियम- केले से तीन गुना।
  • प्रोटीन- दही से तीन गुना।

दैवीय चमत्कार भी कहा जाता है सहजन को

दुनिया में जहां-जहां कुपोषण की समस्या है, वहां सहजन का वजूद है। यही वजह है कि इसे दैवीय चमत्कार भी कहते हैं। दक्षिणी भारत के राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में इसकी खेती होती है। साथ ही इसकी फलियों और पत्तियों का कई तरह से प्रयोग भी। तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने पीकेएम-1 और पीकेएम-2 नाम से दो प्रजातियां विकसित की हैं। पीकेएम-1 यहां के कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुकूल भी है। यह हर तरह की जमीन में हो सकता है। बस इसे सूरज की भरपूर रोशनी चाहिए।

पशुओं एवं खेतीबाड़ी के लिए भी उपयोगी

सहजन की खूबियां यहीं खत्म नहीं होतीं। चारे के रूप में इसकी हरी या सूखी पत्तियों के प्रयोग से पशुओं के दूध में डेढ़ गुने से अधिक और वजन में एक तिहाई से अधिक की वृद्धि की रिपोर्ट है। यही नहीं इसकी पत्तियों के रस को पानी के घोल में मिलाकर फसल पर छिड़कने से उपज में सवाया से अधिक की वृद्धि होती है।

सांसद थे तबसे है योगी का सहजन से लगाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहजन की इन खूबियों से तबसे वाकिफ हैं जब वह गोरखपुर के सांसद थे। यही वजह है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में हरीतिमा बढ़ाने एवं यहां के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए पौधरोपण का जो काम शुरू करवाया, उसमें सहजन को भी प्राथमिकता दी गई।

केंद्र भी सहजन को पीएम पोषण योजना में शामिल करने का दे चुका है निर्देश ,अब तो केंद्र सरकार भी सहजन की खूबियों के नाते इसका मुरीद हो गई। करीब दो साल पूर्व केंद्र की ओर से राज्यों को निर्देश दिया गया कि वे प्रधानमंत्री पोषण योजना में सहजन के साथ स्थानीय स्तर पर सीजन में उगने वाले पोषक तत्वों से भरपूर पालक, अन्य शाक-भाजी एवं फलियों को भी शामिल करें।

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