8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP Panchayat Election: उत्तर प्रदेश में पंचायतों का पुनर्गठन: 36 जिलों की 504 ग्राम पंचायतें खत्म, 2026 के चुनाव से पहले पुनर्गठन तेज

UP Panchayat Election:  उत्तर प्रदेश के 36 जिलों की 504 ग्राम पंचायतें नगरीय निकायों में शामिल होकर समाप्त हो गईं। इससे राज्य की कुल पंचायतें 58,195 से घटकर 57,695 रह गई हैं। 2026 के पंचायत चुनाव से पहले पुनर्गठन प्रक्रिया तेज कर दी गई है। आदेश 5 जून तक रिपोर्ट सौंपने के।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

May 25, 2025

फोटो सोर्स : Google : उत्तर प्रदेश में पंचायतों का बड़ा बदलाव

फोटो सोर्स : Google : उत्तर प्रदेश में पंचायतों का बड़ा बदलाव

UP Gram Panchayat Election Update: उत्तर प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। प्रदेश के 36 जिलों की कुल 504 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व अब समाप्त हो चुका है। ये पंचायतें नगरीय निकायों के गठन और नगर सीमा विस्तार के कारण नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों और नगर निगमों में समाहित कर दी गई हैं। इसके चलते प्रदेश की ग्राम पंचायतों की कुल संख्या 58,195 से घटकर अब 57,695 रह गई है। पंचायतों के इस वृहद पुनर्गठन की प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार ने गंभीरता से कदम उठाना शुरू कर दिया है और वर्ष 2026 में संभावित पंचायत चुनावों से पहले यह कार्यवाही तेज हो गई है।

यह भी पढ़ें: आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत: जल्द बनेगा आउटसोर्स कर्मचारी निगम, शोषण से मिलेगी मुक्ति

क्यों हुआ यह परिवर्तन

इस परिवर्तन के मूल में नये नगरीय निकायों का गठन और सीमा विस्तार है। जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ा, कई ग्राम पंचायतों की सीमाएं नगर क्षेत्रों में समाहित हो गईं। इसके तहत पूरी तरह से नगरीय क्षेत्रों में शामिल हो जाने वाली ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया, जबकि कुछ ग्राम पंचायतें आंशिक रूप से नगर क्षेत्रों में समाहित हुई हैं, जिससे उनका आकार और स्वरूप दोनों प्रभावित हुए हैं।

यह भी पढ़ें: अब नक्शा पास कराने से पहले आधार ई-केवाईसी जरूरी, लखनऊ में लागू हुआ FAST PASS सिस्टम

2026 पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटा पंचायती राज विभाग

राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के अंतर्गत ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य (ब्लॉक स्तर) और जिला पंचायत सदस्य (जनपद स्तर) का चुनाव होता है। वर्तमान ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 27 मई 2026 को समाप्त हो रहा है, जिससे चुनाव मार्च-अप्रैल 2026 में कराए जाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि वर्ष 2021 में प्रस्तावित जनगणना नहीं हो सकी, इस कारण आगामी पंचायत चुनाव भी वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही कराए जाएंगे। यह वही आधार है, जिस पर 2015 व 2021 के पंचायत चुनाव कराए गए थे।

यह भी पढ़ें: यूपी में 27 पीपीएस अधिकारियों का तबादला: दीपशिखा अहिबरन समेत कई अफसरों को नई तैनाती

पुनर्गठन का आदेश और समयसीमा

पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने 23 मई 2025 को सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि 05 जून 2025 तक ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का कार्य पूरा कर रिपोर्ट निदेशालय को सौंपें। यह कार्य आगामी चुनावों की पारदर्शिता और प्रशासनिक सुगमता को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: Indira Gandhi Pratishthan होगा हाईटेक: 15 करोड़ की लागत से बदलेगी तस्वीर, एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं, 6 महीने में पूरा होगा कायाकल्प

जिलेवार प्रभावित ग्राम पंचायतों की सूची

नगरीय निकायों में समाहित होने वाली पंचायतों की संख्या कुछ जिलों में अधिक रही। देवरिया जिले में सर्वाधिक 64 ग्राम पंचायतें नगरीय क्षेत्र में शामिल की गईं। इसके बाद आजमगढ़ में 47, प्रतापगढ़ में 45, अमरोहा में 21, गोरखपुर में 21, गाजियाबाद में 19, फतेहपुर में 18, अलीगढ़ में 16, और फर्रुखाबाद में 14 ग्राम पंचायतें शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: कोरोना की वापसी: JN.1 वैरिएंट से सतर्कता जरूरी, घबराने की नहीं, जानें कुछ खास बातें प्रोफेसर एस. के. मार्क से

अन्य जिलों की स्थिति इस प्रकार है:

  • लखनऊ – 03 पंचायतें
  • अम्बेडकरनगर – 03
  • अयोध्या – 22
  • बरेली – 05
  • बुलंदशहर – 05
  • चित्रकूट – 03
  • इटावा – 02
  • बलरामपुर – 07
  • गोंडा – 22
  • हरदोई – 13
  • हाथरस – 01
  • जौनपुर – 06
  • कुशीनगर – 23
  • मऊ – 26
  • मुजफ्फरनगर – 11
  • रायबरेली – 08
  • संत कबीर नगर – 24
  • शाहजहांपुर – 01
  • सीतापुर – 11
  • सोनभद्र – 08
  • उन्नाव – 03
  • बांदा – 01 (आंशिक रूप से)
  • शामली – 01 (आंशिक रूप से)

इसके अलावा 105 ग्राम पंचायतें आंशिक रूप से नगरीय निकायों में शामिल हुई हैं, जहां कुछ राजस्व ग्राम नगर क्षेत्रों में चले गए जबकि शेष ग्राम पंचायत क्षेत्र में ही बने हुए हैं। यह स्थिति पुनर्गठन की जटिलता को दर्शाती है।

दो जिलों में नई पंचायतों का गठन भी

ग्राम पंचायतों के समावेशन के बीच, दो जिलों, बहराइच और बस्ती में दो-दो नई ग्राम पंचायतों का गठन भी किया गया है। इसका उद्देश्य उन क्षेत्रों में प्रशासनिक सुचारुता बनाए रखना है, जो हाल ही में नगरीय क्षेत्रों से पृथक हुए हैं या नये विकास खण्डों की आवश्यकता महसूस की गई है।

यह भी पढ़ें: बिजली संकट पर सख्त ऊर्जा मंत्री: ए.के. शर्मा ने दिए तत्काल बहाली के निर्देश, विद्युत बाधा अब बर्दाश्त नहीं

क्या है आगे की योजना

  • प्रदेश के कुल 826 विकास खण्डों में अब 57,695 ग्राम पंचायतें शेष हैं। शासन का उद्देश्य इन पंचायतों को जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र, बुनियादी सुविधाएं और प्रशासनिक दृष्टिकोण से सुव्यवस्थित करना है। इसके तहत:
  • आंशिक रूप से समाहित ग्राम पंचायतों का विभाजन या विलय
  • एक ही राजस्व ग्राम पर आधारित पंचायतों की स्थिति का निर्धारण
  • नगर सीमा के भीतर आने वाले क्षेत्रों को स्थायी रूप से निकायों में समाहित करना
  • शेष बचे क्षेत्रों का नया पंचायत रूप में गठन