लखनऊ

Yogi सरकार के 100 दिवसीय टीबी अभियान में बड़ी सफलता, 69 दिन में 89,967 मरीजों की पहचान

Yogi Government: उत्तर प्रदेश सरकार के 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान में अब तक 89,967 मरीज चिन्हित किए गए हैं। इस दौरान 2.45 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग हुई और 12.65 लाख लोगों को टीबी से बचाव की दवा दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में यह अभियान चलाया जा रहा है, जिससे यूपी को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य पूरा किया जा सके।

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Feb 18, 2025
लखनऊ में सबसे ज्यादा 4050 टीबी मरीज चिन्हित, श्रावस्ती में सबसे कम 247 मामले

Yogi Government TB Eradication Campaign : उत्तर प्रदेश सरकार के 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान के तहत अब तक 89,967 टीबी मरीजों की पहचान की गई है। इस अभियान के 69 दिनों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 2.45 करोड़ से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की और 12.65 लाख लोगों को टीबी से बचाव की दवा दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें 75 जिलों को कवर किया गया है।

75 जिलों में चला अभियान, 74% उच्च जोखिम वाले लोग कवर

उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2024 के अंत तक प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य के 75 जिलों में चलाए गए इस अभियान में 74% उच्च जोखिम वाले लोग कवर किए जा चुके हैं। राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि लक्षणविहीन लोगों को टीबी से बचाने के लिए टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) के तहत दवा दी जा रही है। अब तक 73,231 मरीजों का इलाज शुरू किया जा चुका है।

4809 निक्षय शिविर लगाए गए, टीबी जागरूकता पर जोर

सरकार द्वारा टीबी की पहचान और उपचार के लिए 4,78,763 निक्षय शिविर आयोजित किए गए। औसतन प्रतिदिन 4809 शिविर लगाए गए, जहां पर संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग, एक्सरे, माइक्रोस्कोपिक जांच और टीबी की रोकथाम के उपाय किए गए।

लखनऊ में सबसे ज्यादा टीबी मरीज चिन्हित, श्रावस्ती में सबसे कम केस

अभियान के दौरान लखनऊ में सबसे अधिक 4050 टीबी मरीज मिले, जबकि श्रावस्ती में सबसे कम 247 मामले दर्ज किए गए।

शीर्ष 10 जिलों में मिले मरीज

  • लखनऊ - 4050
  • आगरा - 3545
  • सीतापुर - 2854
  • अलीगढ़ - 2802
  • कानपुर - 2688
  • प्रयागराज - 2282
  • गोरखपुर - 2025
  • वाराणसी - 2015
  • मेरठ - 1950
  • बरेली - 1820
  • सबसे कम मरीजों वाले जिले:
  • श्रावस्ती - 247
  • महोबा - 309
  • चित्रकूट - 346
  • संत रविदास नगर - 353
  • शामली - 360

उच्च जोखिम वाले समूहों पर विशेष ध्यान

स्वास्थ्य विभाग ने टीबी के उच्च जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता दी है। निम्नलिखित श्रेणी के लोगों की विशेष रूप से जांच की गई:

  • 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग
  • डायबिटीज और एचआईवी संक्रमित मरीज
  • पिछले 5 वर्षों में टीबी से ग्रस्त रहे लोग
  • कम वजन (18.5 BMI से कम) वाले कुपोषित लोग
  • धूम्रपान और शराब सेवन करने वाले लोग
  • झुग्गी-झोपड़ियों, जेलों और वृद्धाश्रमों में रहने वाले लोग

टीबी के खिलाफ योगी सरकार का संकल्प

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिसंबर 2023 में टीबी अभियान की समीक्षा के दौरान इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्देश दिया था। शुरुआत में 15 जिलों में यह अभियान शुरू हुआ था, जहां टीबी के कारण मृत्यु दर अधिक थी। बाद में इसे सभी 75 जिलों में विस्तारित कर दिया गया।

सरकार की रणनीति

  • 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान के तहत नियमित स्क्रीनिंग
  • हर जिले में निक्षय शिविर लगाकर संभावित मरीजों की पहचान
  • टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) के तहत बचाव के उपाय
  • समय पर उपचार सुनिश्चित करने के लिए फॉलो-अप अभियान

सरकार का लक्ष्य - 2024 तक टीबी मुक्त यूपी

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को 2024 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हर जिले में सघन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सरकार चाहती है कि समय पर टीबी की पहचान और उपचार हो, जिससे इस बीमारी को पूरी तरह खत्म किया जा सके।

मुख्य उपलब्धियां

  • 69 दिनों में 89,967 मरीज चिन्हित
  • 2.45 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग
  • 12.65 लाख लोगों को टीबी से बचाव की दवा
  • 4809 प्रतिदिन निक्षय शिविर का आयोजन
  • 73,231 मरीजों का इलाज शुरू

टीबी मुक्त यूपी के लिए योगी सरकार के प्रयास

टीबी एक गंभीर संक्रामक रोग है, लेकिन समय पर पहचान और इलाज से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। योगी सरकार के इस अभियान ने उत्तर प्रदेश में टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को काफी आगे बढ़ा दिया है।
सरकार का मानना है कि टीबी मुक्त यूपी तभी संभव होगा, जब लोग समय पर जांच कराएं और उचित इलाज लें। इसीलिए टीबी रोकथाम और उपचार को लेकर जागरूकता अभियान भी तेजी से चलाए जा रहे हैं।

टीबी लक्षण होने पर तुरंत कराएं जांच

  • लगातार दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी
  • वजन तेजी से घटना
  • रात में पसीना आना
  • थकान महसूस होना
  • भूख न लगना

यदि इनमें से कोई भी लक्षण हो, तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी जांच कराएं। सरकार द्वारा यह जांच और इलाज पूरी तरह मुफ्त दिया जा रहा है। टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश के लिए योगी सरकार की यह पहल निश्चित रूप से एक बड़ा कदम है। 100 दिवसीय अभियान के तहत अब तक मिले नतीजे सकारात्मक हैं और आगे भी यह मिशन तेजी से आगे बढ़ेगा।

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