PM Abha Yojana: महासमुंद जिले के ऐसे गांवों को भी अब पक्की सड़क नसीब होगी, जहां के लोग 500 से कम आबादी वाला गांव होने का दंश झेल रहे थे।
PM Abha Yojana: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ऐसे गांवों को भी अब पक्की सड़क नसीब होगी, जहां के लोग 500 से कम आबादी वाला गांव होने का दंश झेल रहे थे। इन गांवों का सपना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत साकार होने वाला है। डीपीआर बनाने की कार्यवाही शुरू हो गई है।
योजना के तहत गांवों में बाजार, राशन दुकान, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए सड़क बनाने की पहल की जाएगी। पहले एक हजार आबादी वाले गांवों में सड़क पहुंच पाती थी। सरकार ने अब 500 और ढाई सौ आबादी वाले गांवों तक पक्की सड़क पहुंचाने का निर्णय लिया है। सड़क पहुंचने से ग्रामीण क्षेत्र का भी विकास होगा। एक-दूसरे गांवों में जाने के लिए काफी सहूलियत होगी।
फिलहाल, सरकार से स्वीकृति मिलने पर टेंडर आदि की प्रक्रिया की जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार मैदानी इलाकों में 500 आबादी, पहाड़ी क्षेत्रों के 250 आबादी और विशेष श्रेणी के जनजाति में 100 की आबादी होने पर भी पक्की सड़क बनाई जाएगी। फिलहाल, 29 सड़कों का चिह्नांकन कर लिया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के ईई चंद्रहास जांगड़े ने बताया कि योजना के तहत डीपीआर बनाई जा रही है। इसके बाद 500, 250 व 100 आबादी वाले गांवों में भी सड़क पहुंचेगी।
पीएम ग्राम सड़क योजना आभा के तहत 41 सड़क बनेंगी। इसमें भी 100 से कम आबादी वाले गांवों का चयन किया गया है। सड़क बनाने के लिए लिस्ट तैयार कर ली गई है। झारा से चैनखमार, सिंघी से परसापाली, अमलोर से बोरिद, सुकुलबाय से केशलडीह, चिंगरिया से मोखा, बागबाहरा पिथौरा रोड से बागबाहराकला, चंडी मंदिर से छुरीदाबरी, बागबाहरा झलप रोड से धामनतोरी, नर्रा, खट्टी से बेहराभाठा, सुखीपाली से अहीरपारा, एनएच-53 से अमलीडीह, एसएच-19 से सरायपाली, एनएच-53 से बिजराभाठा, परधिया सरायपाली से पंडरीपानी, सुखीपाली से शांतिनगर आदि सड़कों का चिह्नांकन किया गया है।
महासमुंद बंबूरडीह से रामडबरी, सुकुलबाय से नांदबारू, सिरपुर कसडोल रोड से मुड़ियाडीह, नर्रा खट्टी से बनियातोरा, मोहबा से घासीनगर, रोडा से बंजाराभाटा, एनएच-53 भिथीडीह से पिरुपतेलपारा, तिलंजनपुर से डोंगरीडीपा गांवों में सड़क बनेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। गांव के लोग लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे हैं। आबादी कम होने की वजह से अब तक सड़क नहीं पहुंच पाई थी। अब तक 150 से 200 और 500 आबादी के गांव भी सड़क से जोड़े जाएंगे। इससे गांव मेें आवागमन बेहतर होगा। स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल पाएंगी। खासकर बारिश के समय आवागमन में गांव के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।