mp news: बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता की अर्थी को कंधा देने के बाद चिता को मुखाग्नि दी और मुंडन भी कराया...।
mp news: आज भी हमारे समाज में ऐसे लोग हैं जो ये मानते हैं कि बेटों की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता और बेटियां बेटों की जगह नहीं ले सकती लेकिन मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने ऐसे लोगों को आईना दिखाने का काम किया है। यहां एक बेटी ने पिता के निधन के बाद बेटे का फर्ज निभाया। उसने पिता की अर्थी को कांधा तो दिया ही साथ ही चिता को मुखाग्नि देने के बाद मुंडन भी कराया।
मंदसौर जिले के पिपलिया विश्निया गांव में रहने वाली 17 साल की सिमरन ने पिता घीसालाल के निधन के बाद परंपरा की दीवारें तोड़ते हुए बेटे का कर्तव्य निभाया। पिता घीसालाल कुछ समय से अस्वस्थ थे और बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। घीसालाल की तीन बेटियां हैं जिनमें से दो की शादी हो चुकी है और सिमरन सबसे छोटी है और अविवाहित है। घीसालाल के निधन के बाद परिवार व समाज के लोगों को चिंता थी कि अब घीसालाल का अंतिम संस्कार कौन करेगा। तभी सिमरन आगे आई और बेटे का फर्ज निभाया।
शवयात्रा में सिमरन ने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया। श्मशान घाट पर उसने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार संपन्न किया। इतना ही नहीं परंपरा अनुसार मुंडन भी कराया। सिमरन का अपने पिता से गहरा लगाव था। वह उनकी हर बात मानती थी और हमेशा उनके साथ रहती थी। गांव में इस घटना की चर्चा दिनभर रही। लोगों ने सिमरन के साहस, प्रेम और कर्तव्यनिष्ठा की प्रशंसा की। महज 17 साल की उम्र में सिमरन ने जो संकल्प और हिम्मत दिखाई वह समाज के लिए एक मिसाल बन गई है।