Mandsaur News : किसान ने अपने हाथ से की खुद की खड़ी फसल स्वाहा। बारिश के चलते सोयाबीन की फसल खराब हो गई। सर्वे करने अधिकारी आए भी, पर नहीं की कोई मदद। आस टूटने पर किसान ने खुद जला डाली अपनी 4 बीघा जमीन।
Mandsaur News :मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के अंतर्गत आने वाली शामगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत खजूरी पंथ में शामगढ़ जाने वाले प्रमुख मार्ग के पास विद्युत ग्रेड के पीछे किसान प्रहलाद पिता अमरलाल धाकड़ ने 4 बीघा सोयाबीन 9560 हाइब्रिड बोई थी। पहले पीला मोजेक लगने और इसके बाद बारिश में उपज गलने के बाद परेशान किसान ने पूरी सोयाबीन में ही आग लगा दी।
किसान का कहना है कि, उसने अभी चार में से दो बीघा में बोई सोयाबीन में आग लगाई है, शेष दो बीघा सोयाबीन में कटाई चल रही है। इस फसल के कटने के बाद उसे भी आग के हवाले किया जाएगा। क्योंकि, उपज पूरी तरह से गल गई है।
किसान प्रह्लाद धाकड़ के अनुसार, 4 बीघा भूमि पर सोयाबीन बोई गई थी। 1500 रुपए प्रति बीघा सोयाबीन काटने की दर के हिसाब से कुल 6000 हजार रुपए देने पड़े। एक बीघा में 20 किलो सोयाबीन बीज की बोवनी की थी। इसके अलावा निंदई, दवाई आदि पर अन्य व्यय किया। शुक्रवार को दोपहर में दो बीघा खेत में खराब हुई सोयाबीन की फसल को इकट्ठे कर उसमें आग लगा दी। शेष दो बीघा सोयाबीन की कटाई चल रही है, उसमें भी आग लगाकर थोड़ी देर में फसल को नष्ट किया जाएगा।
किसान धाकड़ के अनुसार, अच्छी सोयाबीन होती तो उसे बेचकर छोटा घर बनाने की योजना थी, इसके अलावा थोड़ा कर्ज था, वो चुकाने की योजना थी। सर्वे के लिए अधिकारी आए भी, लेकिन अब तक कुछ नहीं मिला। ऐसे में किसान ने सिस्टम से मायूस होकर फसल नष्ट करने में ही भलाई समझी
लगातार खबरें आ रही है कि, मल्हारगढ़ तहसील और मंदसौर जिले में पीला मौजक और अन्य वायरस की वजह से फसले खराब हो रही हैं। वहीं, एक और चिलोद पिपलिया गांव से बड़ी खबर आ रही है, जिसमें एक किसान ने करीब घंटे दो घंटे मशीन चली, उसके बाद भी पर्याप्त सोयाबीन के दाने नहीं निकले, इसपर मायूस होकर किसान ने पूरी फसल को आग के हवाले कर दिया। वहीं, किसान द्वारा मांग की गई है कि, सरकार जल्द से जल्द मुआवजा और बीमा राशि किसानो को दे। क्योंकि, ये बर्बाद हुए किसानों का हक़ है।