मथुरा

बांकेबिहारी मंदिर में मची अफरा-तफरी, VIP और गार्ड्स के बीच भिड़ंत, महिलाओं से बदसलूकी

Banke Bihari Mandir: बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने आये मध्य प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष के पीए के परिजनों और प्रोटोकॉल कर्मियों के साथ सुरक्षागार्डों ने मारपीट कर दी। महिलाओं के साथ भी अभद्रता की गई व नायब तहसीलदार के अर्दली का सिर फोड़ दिया। सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर शनिवार की रात कोतवाली में सुरक्षागार्डों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

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Mar 18, 2025

मध्य प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद माया नरौलिया के पीए सौरभ कुमार अपने परिजनों के साथ ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के दर्शन करने आये थे। सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय से नायब तहसीलदार अनमोल गर्ग, लेखपाल संजय कुमार, सौरव कुमार आदि की ड्यूटी वीआईपी दर्शन कराने को लगाई गई थी।

आरोप है कि गेट नम्बर दो और चार के बीच लगे बैरियर से निकलने को लेकर नायब तहसीलदार के अर्दली विनोद कुमार ने सुरक्षाकर्मी से कहा तो उसने मना कर दिया। इस बात को लेकर कहासुनी हुई, जिसमें सुरक्षा गार्ड ने अर्दली को धक्का देकर गिरा दिया और मारपीट की। इसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने लेखपाल व उनके साथ आये अन्य कर्मचारियों के अलावा पीए के परिवार की तीन महिलाओं के साथ भी अभद्रता और मारपीट की। घटना के बाद लेखपाल संजय कुमार ने आरोपी सुरक्षा गार्डों की फोटो के साथ सिटी मजिस्ट्रेट को शिकायत की और कोतवाली में तहरीर दी। पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

भीड़ नियंत्रण को कॉरिडोर की आवश्यकता

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं, गोस्वामियों, गोस्वामियों के लोगों और सुरक्षा गार्डों के बीच मारपीट की घटनायें बढ़ रही हैं। निकास द्वार से प्रवेश करने, प्रवेश द्वार से बाहर निकलने, मंदिर में ज्यादा देर तक नहीं रुकने देने, वीआईपी कठघरा में जबरदस्ती घुसने, मंदिर चबूतरा पर लगी रेलिंग से निकलने, प्रसाद चढ़ाने आदि को लेकर मारपीट की घटनायें सामने आती हैं। कभी गार्ड श्रद्धालुओं से अभद्रता करते हैं तो कभी श्रद्धालुओं द्वारा भी उत्पात मचाने का मामला सामने आता है।

मंदिर परिसर में उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान विवाद ज्यादा हुए हैं। मंदिर परिसर ही नहीं उसके आसपास भी भीड़ का दबाव अधिक हुआ है। हाल ही में नये वर्ष पर इतने श्रद्धालु आये कि भीड़ में एक शवयात्रा फंस गई। कंधों से ऊपर अर्थी को उठाकर निकालना पड़ा। इन सबको देखते हुए यहां कॉरिडोर की जरूरत समझी गई।

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