Indresh Maharaj Ki Shadi Update: इंद्रेश उपाध्याय की शादी जयपुर के आमेर में होटल ताज में आज होगी। जानिए कितने बाउंसर्स की टीम तैनात की गई है, साथ ही इंद्रेश महाराज के गुरू कौन हैं?
Indresh Maharaj Ki Shadi Update: वृंदावन के प्रसिद्ध भजन एवं कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय अपने जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करने जा रहे हैं। 5 दिसंबर यानी आज वे हरियाणा की शिप्रा के साथ जयपुर के एक फाइव-स्टार होटल में विवाह बंधन में बंधेंगे। समारोह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
अपनी अनोखी कथावाचन शैली के कारण इंद्रेश उपाध्याय विशेष रूप से युवाओं, खासकर Gen Z, के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। उनके भजनों का एक एल्बम बॉलीवुड सिंगर बी प्रॉक के साथ भी रिलीज हो चुका है, जिसने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया है। आपको बताते हैं कि कितने बाउंसर्स की टीम को उनकी शादी के लिए तैनात किया गया है? साथ ही उनके गुरू कौन हैं?
मेहंदी और हल्दी समारोह के लिए सुरक्षा एजेंसी ने लगभग 100 बाउंसर्स की टीम तैनात की है। इसके अलावा, कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय के शिष्यों की एक अलग सुरक्षा टीम भी कार्यक्रम की निगरानी में लगी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार, 5 दिसंबर को होने वाली शादी में आयोजन स्थल पर करीब 250 बाउंसर्स की तैनाती की जाएगी। जिससे कार्यक्रम पूरी तरह सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो सके।
प्रसिद्ध कथावाचक कृष्णचंद शास्त्री ठाकुर के बेटे इंद्रेश उपाध्याय हैं। इंद्रेश महाराज की माता का नाम नरवादा शर्मा है। तीन बहनों के इकलौते भाई इंद्रेश महाराज हैं। इंद्रेश उपाध्याय के पिता कृष्णचंद्र शास्त्री ठाकुर ही उनके पहले गुरु थे। जिन्होंने उन्हें शास्त्रों का ज्ञान के साथ कथा वाचन की कला सिखाई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस विवाह समारोह में देश-विदेश से कई प्रतिष्ठित संत, कथावाचक और हस्तियां शामिल हो रही हैं। इसमें बाबा बागेश्वर, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, मूलक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी, सिंगर बी प्राक सहित कई नामी संत और विशिष्ट अतिथि अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
सूत्रों के मुताबिक इंद्रेश उपाध्याय की होने वाली पत्नी का नाम शिप्रा शर्मा है। जो मूल रूप से हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली हैं। फिलहाल उनका परिवार पंजाब के अमृतसर में रहता है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, शिप्रा के पिता हरेंद्र शर्मा पुलिस विभाग में DSP रह चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंद्रेश उपाध्याय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कान्हा माखन पब्लिक स्कूल से पूरी की। कम उम्र से ही उनका रुझान आध्यात्मिक ग्रंथों की ओर रहा। बताया जाता है कि मात्र 13 साल की उम्र में ही उन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण को कंठस्थ कर लिया था। कहा जाता है कि उन्होंने औपचारिक रूप से सिर्फ स्कूली शिक्षा ही प्राप्त की है। इसके बाद वे अपने पिता के साथ विभिन्न कथाओं और भजन कार्यक्रमों में शामिल होने लगे।