यूपी के मुख्तार अंसारी गैंग के इनामी वांटेड शूटर अनुज कनौजिया के मुठभेड़ में मारे जाने की घटना को लेकर जमशेदपुर शहर में सनसनी है। पुलिस को सूचना है कि उसने जमशेदपुर के कई युवकों को गैंग से जोड़ा था। सवाल उठ रहा है कि अनुज को जमशेदपुर शहर में किसने पनाह दे रखी थी?
जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि जमशेदपुर पुलिस को इस घटना को गंभीरता से लेना होगा और उसके पीछे छुपे हुए चेहरों को उजागर करना होगा। राय ने रविवार को कहा कि यूपी का दुर्दांत अपराधी जमशेदपुर आकर महीनों छिपा रहता है, तो इसके पीछे जमशेदपुर के किसी न किसी गिरोह का हाथ संभव है। अनुज कनौजिया जमशेदपुर बिना किसी मकसद के क्यों आएगा?
सरयू राय ने सवाल उठाया है कि जमशेदपुर के आपराधिक अथवा राजनीतिक जगत की कौन सी ऐसी शक्तियां हैं, जिन्होंने उसे जमशेदपुर बुलाया और महीनों पनाह दी? इन शक्तियों का इसके पीछे क्या मकसद था, इसकी पड़ताल आवश्यक है। राय ने कहा कि अब जबकि इस मामले में एकाध गिरफ्तारियां हो चुकी हैं तो अनुज कनौजिया के जमशेदपुर आने का असली उद्देश्य क्या था और इसके पीछे प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से किनका हाथ था इसका रहस्योद्घाटन कठिन नहीं है। संभव है कि अनुसंधान के दौरान प्रभावशाली स्तर से पुलिस पर दबाव आए और पुलिस को निष्पक्ष अनुसंधान करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़े।
सरयू राय ने कहा कि इस संभावना को ध्यान में रखते हुए और मामले का एक से अधिक राज्यों से संबंध होने के नाते इसकी जांच या तो पुलिस में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) गठित किया जाए या इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। जब यूपी एटीएस विगत कई दिनों से अनुज कनौजिया के बारे में सटीक सूचनाएं जमा कर रही थी, तब उन्होंने वैसे लोगों की शिनाख्त जरूर की होगी, जिन्होंने इस दुर्दांत अपराधी को आश्रय प्रदान किया था और अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए कनौजिया को जमशेदपुर बुलाया था।
जानकारी के मुताबिक, अनुज कनौजिया चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बहलोलपुर गांव का रहने वाला था। अनुज कनौजिया पर मऊ के अलावा गाजीपुर जिले में कई मामले दर्ज हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मऊ जिले के कोतवाली थाने में सर्वाधिक छह मुकदमे दर्ज हैं। रानीपुर में पांच, दक्षिणटोला थाना में दो और चिरैयाकोट कोतवाली में तीन मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा भी अनुज पर कई मामले दर्ज हैं।
सोर्स: IANS