Meerut News: 18 नवंबर को अन्नू किक बॉक्सर साहिल संग सात फेरे लेंगी। मेहंदी–हल्दी की रस्में जारी हैं, घर में ढोलक-बन्नी गूंज रहे हैं। डेस्टिनेशन वेडिंग की इच्छा के बावजूद परिवार की भावनाओं के चलते शादी गांव में ही होगी।
Javelin thrower annu rani wedding: इंटरनेशनल जेवलिन थ्रोअर और भारत की स्टार एथलीट अन्नू रानी की शादी की तैयारियों ने मेरठ के बहादुरपुर गांव में उत्सव का माहौल बना दिया है। घर में मेहमानों की चहल-पहल बढ़ चुकी है, ढोलक की थाप और बन्नी गीतों से आंगन गूंज रहा है। 18 नवंबर को अन्नू, किक बॉक्सर साहिल के साथ सात फेरे लेंगी। शादी मेरठ के गोल्डन विवाह मंडप में होगी, जबकि 19 नवंबर को रोहतक में भव्य रिसेप्शन रखा गया है। इस अवसर पर खेल मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक कई दिग्गजों को निमंत्रण भेजा गया है।
शादी की रस्मों के बीच अन्नू रानी ने बताया कि वह और साहिल दोनों शिवभक्त हैं और उनकी सोच व स्वभाव काफी मिलते-जुलते हैं। अन्नू ने कहा कि शादी के बाद भी उनका पूरा फोकस खेल पर ही रहेगा। उन्होंने बताया कि बहादुरपुर गांव में मेहंदी, हल्दी, तेल, मंडप सहित सभी पारंपरिक रस्मों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।
एक मीडिया चैनल से बातचीत में अन्नू रानी ने खुलासा किया कि वे डेस्टिनेशन वेडिंग करना चाहती थीं और परिवार भी इसके लिए तैयार था। योजना थी कि चुनिंदा रिश्तेदारों और कॉमन फ्रेंड्स के बीच शादी हो। लेकिन परिवार की यह भावनात्मक इच्छा कि बेटी को घर से डोली में विदा किया जाए। इसलिए शादी बहादुरपुर गांव से ही करने का फैसला लिया गया।
बहादुरपुर गांव में शादी का पूरा रंग-मंच सज चुका है। अन्नू की दोनों बड़ी बहनें नीतू और रितू अपने परिवारों के साथ पहुंच गई हैं। अन्नू की बुआ और दूसरे रिश्तेदार भी घर में मौजूद हैं। हर तरफ हंसी-ठिठोली, गहमा-गहमी और तैयारियों की रौनक है। मिठाइयों के बड़े ऑर्डर बन रहे हैं और घर की सजावट चरम पर है।
28 अगस्त 1992 को किसान परिवार में जन्मीं अन्नू रानी की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। बचपन में उन्होंने खेतों में गन्ने को भाला बनाकर फेंकना शुरू किया। उनके भाई उपेंद्र ने उनकी ताकत पहचान ली और खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। गांव के माहौल के कारण कई लोग इस खेल में उनके आने को पसंद नहीं करते थे, खुद पिता अमरपाल सिंह भी शुरू में राजी नहीं थे। लेकिन अन्नू ने चोरी-छिपे अभ्यास किया और अपनी मेहनत से पिता को भी मना लिया।
2014 में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर अन्नू रानी भारतीय एथलेटिक्स में बड़ी पहचान बन गईं। 2019 में वह वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 2022 में बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने कांस्य पदक जीता और महिला भाला फेंक में भारत को गौरवान्वित किया।