मेरठ

नीले ड्रम कांड का खौफ: मकान महीनों से सूना, खरीददार-किरायेदार गायब; मालिक बोला- लोग कदम रखने से भी डर रहे

Meerut News: मेरठ के ब्रह्मपुरी इलाके में सौरभ राजपूत की हत्या के बाद बदनाम हुए मकान को आज तक कोई खरीदने या किराए पर लेने को तैयार नहीं है। पति की लाश को नीले ड्रम में भरने वाली मुस्कान जेल में है, लेकिन घटना की दहशत अब भी गली में बनी हुई है।

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Dec 08, 2025
नीले ड्रम कांड का खौफ: Image Source - Video Grab

Muskan Saurabh Meerut Case: मेरठ के ब्रह्मपुरी इलाके में स्थित वह मकान, जहां 3 मार्च की रात मुस्कान ने अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या की थी, आज भी दहशत का दूसरा नाम बना हुआ है। हत्या के 10 महीने बीत चुके हैं, लेकिन उस मकान को किराए पर लेने या खरीदने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। जिस घर में मुस्कान अपने पति और बेटी के साथ रहती थी, वह अब मालिक ओमपाल सिंह के लिए बोझ बन गया है। वे बताते हैं कि उनके बेटे विदेश में रहते हैं और अब हालात ऐसे हैं कि वह खुद भी उस घर में नहीं जाना चाहते। लोग मकान को नीले ड्रम वाले घर के नाम से पहचानते हैं।

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मालिक बोला- लोग मकान को नीले ड्रम की याद से जोड़ते हैं

ओमपाल सिंह बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में कई लोग मकान देखने आए, लेकिन हर कोई कुछ दिनों बाद मना कर देता है। वह कहते हैं कि अब लोग इस घर में रहने की कल्पना तक नहीं कर पा रहे। मकान की कीमत 75 लाख रुपए रखी है, पर लोग डर और अपशगुन की वजह से हाथ नहीं लगा रहे। यही नहीं, मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी भी उसी गली में अपना दो मंजिला मकान बेच रहे हैं, लेकिन उन्हें भी खरीदार नहीं मिल रहे। उनके साथ रहने वाली मुस्कान की बड़ी बेटी पीहू उसी घर में पाली जा रही है।

मर्डर केस के पांच अहम पहलू जिसने पूरा देश हिला दिया

3 मार्च को मुस्कान और उसके बायफ्रेंड साहिल शुक्ला ने प्लान बनाकर सौरभ की हत्या कर दी। रातभर वे लाश के साथ उसी कमरे में रुके। अगले दिन मार्केट से चाकू, सीमेंट और नीला ड्रम खरीदा। सौरभ की लाश को चार हिस्सों में काटकर नीले ड्रम में सीमेंट से भर दिया। ड्रम भारी हो गया, इसलिए उसे घर में ही छोड़कर दोनों हिमाचल और उत्तराखंड घूमने निकल गए। 4 से 17 मार्च तक वे मनाली, शिमला और कसोल में घूमते रहे। 17 मार्च को मुस्कान ने अपनी मां को फोन कर हत्या की बात कबूल कर दी। पुलिस ने उसी दिन साहिल को गिरफ्तार किया।

जिस हिस्से में मर्डर हुआ, वहां आज भी सामान वैसा ही पड़ा है

एक मीडिया चैनल की टीम जब उस मकान पर पहुंची, तो मेन गेट पर ताला लटका मिला। अंदर झांकने पर पता चला कि बरामदे में सौरभ और मुस्कान का सारा सामान आज भी जस का तस पड़ा है। हाल ही में खरीदी गई वॉशिंग मशीन धूल से ढकी दिखाई दी। पड़ोसियों ने बताया कि हत्या के बाद कोई भी उस हिस्से में कदम नहीं रखता। घर में भले ही कोई नहीं रहता, लेकिन अंदर का हर सामान घटना की याद दिलाता रहता है।

पड़ोसी बोले- गली की रौनक खत्म

गली के एक पड़ोसी ने बताया कि पहले यहां बच्चे शाम को खेला करते थे, पर हत्या के बाद माहौल हमेशा बोझिल रहता है। लोग शाम होते ही अपने दरवाजे बंद कर लेते हैं। बच्चों के माता-पिता उन्हें सड़क पर खेलने तक नहीं भेजते। पड़ोसी कहते हैं कि पहले गली का नाम कुछ और था, अब लोग इसे मुस्कान-सौरभ वाली गली कहकर पहचानते हैं।

पास की दुकानों पर भी घटना का असर

गली के पास सब्जी बेचने वाले हरदयाल बताते हैं कि हत्या के बाद बरसों पुरानी रौनक गायब हो गई। कई महीने तक लोग सब्जी तक लेने नहीं निकलते थे। लोगों का डर इतना था कि जो आते भी, वे जल्दी से सामान लेकर लौट जाते थे। धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन पुराने दिन अब भी वापस नहीं आए।

क्यों नहीं बिक रहा घर

प्रॉपर्टी डीलर राजू बताते हैं कि मकान 200 वर्ग गज में बना है और कंस्ट्रक्शन भी मजबूत है। लेकिन तीन कारणों से कोई भी इसे खरीदना नहीं चाहता-

  • लोग मुस्कान की क्रूर हत्या को याद कर डरते हैं।
  • लोग इसे विवादित और अपशगुनी इलाका मानने लगे हैं।
  • 75 लाख की डिमांड मार्केट वैल्यू से ज्यादा है।

पहले ‘बिकाऊ है’ का पोस्टर लगाया गया था, लेकिन तीन दिन बाद ही उसे हटाना पड़ा। अब दोबारा पोस्टर लगाया गया है।

जेल में बेटी की देखभाल कर रही मुस्कान, परिवार ने दूरी बना ली

मुस्कान ने जेल में एक बेटी को जन्म दिया है, जिसका नाम राधा रखा गया है। लेकिन न माता-पिता और न ही कोई रिश्तेदार उससे मिलने जेल पहुंचे। जेल प्रशासन का कहना है कि मुस्कान पर कोई काम का दबाव नहीं है। साहिल ने बच्ची को देखने की अनुमति मांगी थी, पर उसे अनुमति नहीं मिली। केस में अब तक 15 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। बेटी के जन्म के बाद भी मुस्कान ने ज़मानत के लिए नई अर्जी नहीं दी।

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