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Good News : Meerut से Prayagraj अब सिर्फ 6 घंटे, गंगा एक्सप्रेस वे से उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी में आएगा ऐतिहासिक बदलाव

Ganga Expressway Set to Transform Uttar Pradesh Travel: उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी का नया अध्याय लिखने जा रहा गंगा एक्सप्रेस वे अब लगभग तैयार है। मेरठ से प्रयागराज के बीच यात्री अब केवल छह घंटे में सफर तय कर सकेंगे। निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुँच चुका है और दिसंबर के पहले सप्ताह में ट्रायल रन पूरा होने वाला है।

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Nov 28, 2025
जल्द पूरा होगा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, ट्रायल रन दिसंबर में और उद्घाटन जनवरी 2026 में संभव (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group)

Good News UP: उत्तर प्रदेश में बेहतर सड़क नेटवर्क का सपना अब हकीकत बनने जा रहा है। राज्य का सबसे बड़ा और देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स में से एक गंगा एक्सप्रेसवे अपने अंतिम चरण में पहुँच चुका है। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले इस विशाल 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे का निर्माण तेजी से पूरा हो रहा है और लाखों यात्रियों के लिए यह सुविधा ऐतिहासिक साबित होगी। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के अनुसार, परियोजना का ट्रायल रन दिसंबर के पहले सप्ताह में पूरा होगा। इसके बाद अंतिम तकनीकी परीक्षण पूरे कर लिए जाएंगे और जनवरी 2026 के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसके उद्घाटन की संभावना जताई जा रही है।

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Meerut–Badaun सेक्शन का ट्रायल रन पूरा, यात्रियों को बड़ी राहत

129 किलोमीटर लंबे मेरठ-बदायूं सेक्शन पर ट्रायल रन पहले ही सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह सेक्शन खुलने से ही इस कॉरिडोर से जुड़े उद्योगों, व्यापारियों और यात्रियों को भारी राहत मिली है। एक्सप्रेस वे पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा रखी गई है, जिससे हाई-स्पीड और बाधारहित यात्रा सुनिश्चित हो सकेगी। मेरठ से प्रयागराज तक की यात्रा, जो पहले 10–12 घंटों में पूरी होती थी, अब सिर्फ 6 घंटे में संभव होगी।

12 जिलों को जोड़ेगा विकास का नया महामार्ग

  • गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के निम्न 12 प्रमुख जिलों से होकर गुज़रेगा—
  • मेरठ
  • हापुड़
  • बुलंदशहर
  • अमरोहा
  • संभल
  • बदायूं
  • शाहजहांपुर
  • हरदोई
  • उन्नाव
  • रायबरेली
  • प्रतापगढ़
  • प्रयागराज

इन सभी जिलों में यह एक्सप्रेसवे नए औद्योगिक अवसर पैदा करेगा। इसके दोनों ओर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं, जिससे MSME क्षेत्र, कृषि-आधारित उद्योग और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बड़ा लाभ मिलेगा।

36,230 करोड़ की लागत और 7,453 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण

यह महत्वाकांक्षी परियोजना कुल 36,230 करोड़ रुपये की लागत पर विकसित की जा रही है। इसके लिए 7,453 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जो आधुनिक भारत के सबसे व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर अधिग्रहणों में से एक है।

  • अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेस वे के शुरू होने से—
  • रोजगार के लाखों अवसर पैदा होंगे
  • लॉजिस्टिक्स टाइम में भारी कटौती होगी
  • निवेशकों को प्रदेश में आने की नई प्रेरणा मिलेगी
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच दूरी कम होगी
  • भविष्य में Haridwar तक बढ़ेगा एक्सप्रेसवे
  • गंगा एक्सप्रेसवे को हरिद्वार तक विस्तार देने की योजना भी बनाई जा रही है।इस विस्तार के बाद यह मार्ग
  • धार्मिक पर्यटन
  • औद्योगिक परिवहन
  • राष्ट्रीय संपर्क
  • तीनों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण हाई-स्पीड कॉरिडोर बन जाएगा।

उद्योगों के लिए गेम चेंजर साबित होगा गंगा एक्सप्रेसवे

  • एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ विकसित होने वाले औद्योगिक क्षेत्रों से—
  • कोल्ड स्टोरेज
  • ई-कॉमर्स कंपनियां
  • ऑटोमोबाइल यूनिट्स
  • टेक्सटाइल एवं हथकरघा
  • खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों
  • नई गति पकड़ेंगी।

इससे पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी पर्याप्त रूप से तेज होगी, जो अब तक प्रदेश की सबसे बड़ी चुनौतियों में थी।

यात्रियों के लिए क्यों खास है यह एक्सप्रेसवे
1 तेज़ सफर, कम समय

  • मेरठ से प्रयागराज तक यात्रा मात्र 6 घंटे में पूरी होगी, जिससे पहले 10–12 घंटे लगते थे।

2 बेहतर सुरक्षा

  • सिक्स-लेन एक्सपेंडेबल एक्सप्रेसवे आधुनिक तकनीक से लैस होगा—
  • CCTV सर्विलांस
  • इमरजेंसी कॉल बॉक्स
  • पेट्रोलिंग टीम
  • ड्रोन मॉनिटरिंग
  • अत्याधुनिक ट्रैफिक प्रबंधन

3 सीमलेस कनेक्टिविटी

  • यह एक्सप्रेसवे—
  • दिल्ली–एनसीआर
  • बुंदेलखंड
  • पूर्वांचल
  • मध्य यूपी को आपस में मजबूत तरीके से जोड़ देगा।

आर्थिक विकास को मिलेगी नई उड़ान

  • UPEIDA अधिकारियों के अनुसार, इस एक्सप्रेस वे से आर्थिक विकास में कम से कम 30% तेजी आने का अनुमान है।

प्रदेश का औद्योगिक मानचित्र बदलने वाला यह एक्सप्रेसवे

  • निवेश को आकर्षित करेगा
  • व्यापारियों की लागत घटाएगा
  • पर्यटन को बढ़ावा देगा
  • किसानों को नए बाजारों से जोड़ेगा
  • युवाओं के लिए नए रोजगार खोलेगा
  • माना जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नए चरण में प्रवेश कराएगा।

जनवरी 2026 में उद्घाटन की तैयारी

दिसंबर के पहले सप्ताह में ट्रायल रन पूरा होने के बाद तकनीकी परीक्षण, मार्ग सुरक्षा जांच और अंतिम फिनिशिंग का काम शुरू हो जाएगा। UPEIDA ने संकेत दिया है कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो जनवरी 2026 के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में लाखों लोगों की भागीदारी की उम्मीद है।

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