मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में मेला लगा हुआ है। इस मेले में दूर-दराज से पशुपालक आए हुए हैं। मेले में जोरावर बुल की खूब चर्चा है। जोरावर मेले का चैंपियन भी बना है।
मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में मेला लगा हुआ है। मेले में तरह-तरह के एक से बढ़कर एक पशु आए हुए हैं। यहां जोरावर नाम के बुल ने पहला ईनाम जीता। ईनाम जीतते ही जोरावर की चर्चा होने लगी। चर्चा हो भी क्यों न जोरावर है ही कमाल। जोरावर की उम्र लगभग 4 साल है और उसका वजन 16 क्विंटल है। जोरावर अपने मालिक को महीने की 4 लाख रुपए की इनकम करवाता है। आइए जानते हैं जोरावर की पूरी कहानी…।
हरियाणा के कुरूक्षेत्र में स्थित सुनरिया गांव से मेरठ कृषि मेले में आए पशुपालक नसीब ने बताया कि 'जोरावर' शंकर नस्ल के वर्ल्ड वाइड 'सीमन' से तैयार गाय का बछड़ा है। यह होल्स्टीन फ्रीजियन (Cross Breed) शंकर नस्ल का सांड है. नसीब बताते हैं, कि 'जोरावर' की मां का भी रिकॉर्ड है। वह प्रतिदिन 67 लीटर दूध देती है। नसीब ने आगे बताया कि वह मेले में कई बार आए हैं लेकिन जोरावर के साथ पहली बार पहुंचे हैं। पहली बार में ही जोरावर मेले का चैंपियन बना है। नसीब बताते हैं कि मजबूत कद काठी की वजह से इसका नाम जोरावर रखा गया। जोरावर की लंबाई 16 फीट है। और हाईट तकरीबन 6 फीट की है।
नसीब बताते हैं जोरावर को भी अन्य पशुओं की तरह हरा चारा, भूसा, खल, बिनौला, चना, सोयाबीन समेत कैल्शियम के लिए दूध भी पीता है। हर दिन इम्युनिटी बरकरार रखने के लिए गुड़ दिया जाता है. प्रोटीन समेत और भी बहुत सी चीजें नियमित खिलाई जाती हैं, जिससे उसकी सेहत बरकरार रहे।
पशुपालक नसीब का कहना है कि जोरावर को वह बिक्री के लिए मेले में लेकर नहीं आए हैं। उनका कहना है कि जोरावर फैमिली मेंबर की तरह है। वह चाहते हैं कि पूरे देश में अच्छी नस्ल के बुल तैयार हों। नसीब ने बताया कि उन्होंने घर पर ही सीमन बैंक बना रखा है।
नसीब ने बताया कि जोरावर के सीमन से हर महीने लगभग 4 लाख की कमाई हो जाती है। महीने में जोरावर का 8 बार वीर्य लिया जाता है। एक बार के वीर्य से 500 से 600 सीमन तैयार हो जाते हैं। थोक और फुटकर के लिए रेट अलग-अलग रखे गए हैं। अगर कोई फुटकर सीमन लेने आता है तो उसके लिए एक सीमन की कीमत 100 रुपए रखी गई है। इस तरह से साल भर में 55 से 60 लाख तक की आमदनी हो जाती है।