मेरठ

मेरठ की जैवलिन थ्रोवर अनु रानी बनेगी दुल्हनियां, इस खिलाड़ी के साथ लेंगी सात फेरे

बहादरपुर गांव की रहने वाली अन्नू रानी आज विश्व स्तर की एथलीट हैं, लेकिन उनकी शुरुआत बेहद साधारण और कठिनाइयों भरी रही। शुरू में उनके पास भाला खरीदने तक के पैसे नहीं थे।

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Nov 15, 2025
2022 में प्रधानमंत्री से मिलने पहुंची थी अन्नू रानी, PC- Instagram(Annu)

मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की रहने वाली जैवलिन थ्रोवर अन्नू रानी शादी के बंधन में बधने जा रही हैं। 18 नवंबर को वे रोहतक (हरियाणा) के नेशनल किकबॉक्सिंग चैंपियन साहिल भारद्वाज के साथ शादी के बंधन में बंधेंगी। शादी समारोह अन्नू के पैतृक गांव बहादरपुर में ही धूमधाम से होगा, जबकि 19 नवंबर को रोहतक के एक बैंक्वेट हॉल में भव्य रिसेप्शन पार्टी आयोजित की जाएगी। इस रिसेप्शन के लिए केंद्रीय मंत्रियों, ओलंपिक पदक विजेताओं और खेल जगत के दिग्गजों को निमंत्रण भेजा गया है।

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गांव से तय किया विदेश का सफर

बहादरपुर गांव की रहने वाली अन्नू रानी आज विश्व स्तर की एथलीट हैं, लेकिन उनकी शुरुआत बेहद साधारण और कठिनाइयों भरी रही। आर्थिक तंगी के कारण उनके पास जैवलिन (भाला) खरीदने तक के पैसे नहीं थे। पिता अमरपाल सिंह के साथ खेतों में काम करते हुए वे गन्ने की लंबी-सीधी छड़ें तोड़कर जैवलिन की प्रैक्टिस करतीं। जूते खरीदने के लिए तो चंदा इकट्ठा करना पड़ा। गांव के स्कूल में सुबह-शाम अभ्यास करते हुए अन्नू ने अपने सपनों को पंख दिए।

परिवार की आर्थिक स्थिति थी खराब

अन्नू के जीवन में सबसे बड़ा योगदान उनके बड़े भाई उपेंद्र कुमार का रहा। खुद एक 5,000 मीटर के धावक और मल्टी-डिसिप्लिन एथलीट उपेंद्र ने अन्नू में खेल का जुनून जगाया। जब अन्नू ने नौवीं कक्षा में जैवलिन थ्रो में रुचि दिखाई, तो उपेंद्र ने उन्हें गुरुकुल प्रभात आश्रम (घर से 20 किमी दूर) ले जाकर ट्रेनिंग दी। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि दो खिलाड़ियों का खर्च उठाना मुश्किल हो गया। ऐसे में उपेंद्र ने अपने खेल के सपने त्याग दिए, ताकि अन्नू आगे बढ़ सकें। पिता से छिपकर प्रैक्टिस करने वाली अन्नू ने कभी हार नहीं मानी। सुबह चार बजे गांव की सड़कों पर दौड़ लगाते हुए उन्होंने अपना रास्ता बनाया।

छत्तीसगढ़ में साहिल ने जीता था ब्रॉन्ज

दूसरी ओर, दूल्हा साहिल भारद्वाज रोहतक के सांपला क्षेत्र से हैं और खेलों में उनका भी मजबूत बैकग्राउंड है। चार बार के नेशनल किकबॉक्सिंग चैंपियन साहिल ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में अपनी कला से पहचान बना चुके साहिल अन्नू के साथ मिलकर एक पावरफुल स्पोर्ट्स कपल बनने को तैयार हैं।

अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकी अन्नू

अन्नू रानी ने न केवल भारत का सिर ऊंचा किया है, बल्कि जैवलिन थ्रो में महिलाओं के लिए नई बेंचमार्क स्थापित की हैं। हाल ही में युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा घोषित राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। पेरिस ओलंपिक 2024 में भाग ले चुकीं अन्नू की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

वर्षप्रतियोगितापदक/उपलब्धि
2023एशियन गेम्सस्वर्ण पदक
2021टोक्यो ओलंपिकभागीदारी
2019वर्ल्ड चैंपियनशिपफाइनल में जगह (पहली भारतीय महिला)
2019एशियन चैंपियनशिपरजत पदक
2017एशियन चैंपियनशिपकांस्य पदक
2016साउथ एशियन गेम्सरजत पदक
2014एशियन गेम्सकांस्य पदक

बेटी के थ्रो में था हमेशा से दम

बातचीत के दौरान पिता अमरपाल सिंह भावुक हो उठते हैं। वे बताते हैं, 'बड़े भाई उपेंद्र और चचेरे भाइयों को देखकर अन्नू का झुकाव खेल की ओर हुआ। नौवीं कक्षा में वे भाला फेंकने लगीं। उपेंद्र ने उनके थ्रो में दम देखा और मुझे बताया। लेकिन मैंने मना कर दिया बेटी है, अकेली कहां जाएगी? खर्चा कैसे चलेगा? हम छोटे किसान हैं, गांव में थोड़ी-सी जमीन है।" फिर भी, उपेंद्र के जज्बे ने सब बदल दिया। आज अमरपाल को गर्व है कि उनकी बेटी ने गांव की मिट्टी को वैश्विक पटल पर चमकाया।

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Updated on:
15 Nov 2025 05:07 pm
Published on:
15 Nov 2025 04:52 pm
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