Meerut News: मेरठ में हेड कॉन्स्टेबल विभोर तोमर की संदिग्ध हालात में जिंदा जलकर मौत हो गई। कमरा अंदर से बंद था और पड़ोसियों ने देर रात धुआं उठता देख पुलिस को सूचना दी। फायर ब्रिगेड ने दरवाज़ा तोड़कर आग बुझाई, लेकिन तब तक कॉन्स्टेबल की जान जा चुकी थी।
Head constable burnt alive in Meerut: मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात उस समय हड़कंप मच गया, जब एक कमरे से धुआं और जलने की तेज बदबू फैलने लगी। पड़ोसी महिला तुलसी ने बदबू महसूस की और खिड़की से झांककर देखा तो खून जमा देने वाला दृश्य था। हेड कॉन्स्टेबल विभोर तोमर बिस्तर पर आग की लपटों में घिरे पड़े थे। कमरा अंदर से बंद था, जिससे मदद करना असंभव हो गया। कुछ ही मिनट में पूरा मोहल्ला मौके पर इकट्ठा हो गया और लोगों ने पुलिस व फायर ब्रिगेड को सूचना दी।
सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर दौड़ी। अंदर से बंद दरवाज़ा खोलने का कोई तरीका न होने पर पुलिस ने हथौड़े से कुंडी तोड़ने का निर्णय लिया। काफी मशक्कत के बाद दरवाज़ा खुला, लेकिन तब तक भीतर का तापमान इतना बढ़ चुका था कि कमरे में दाखिल होना मुश्किल हो गया। फायर टीम ने आग पर काबू तो पा लिया, पर तब तक 45 वर्षीय हेड कॉन्स्टेबल विभोर तोमर की मौत हो चुकी थी।
मकान मालिक संजय शर्मा ने बताया कि विभोर तोमर और उनके साथी कॉन्स्टेबल सतीश को यह कमरा दो महीने पहले ही किराए पर दिया गया था। विभोर पुलिस लाइन में तैनात थे और सतीश के साथ रहते थे। लेकिन सतीश की बेटी की शादी होने के कारण वह पिछले आठ दिन से घर गए हुए थे, जिसके चलते विभोर कमरे में अकेले रह रहे थे। पड़ोसियों के मुताबिक विभोर को शराब पीने की काफी आदत थी और अक्सर देर रात घर लौटते थे।
विभोर तोमर मूल रूप से शामली जिले के कांधला कस्बे के निवासी थे। साल 2011 में उनकी भर्ती उत्तर प्रदेश पुलिस में हुई थी। अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद मंगलवार रात भी वह रोज़ की तरह कमरे पर लौटे थे। पुलिस को प्रारंभिक जांच में किसी तरह की जबरन एंट्री या संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि दुर्घटना कमरे के भीतर ही हुई।
एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने बताया कि शुरुआती जांच में यह स्पष्ट है कि हेड कॉन्स्टेबल की मौत आग लगने से हुई है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस और फोरेंसिक टीम यह पता लगाने में जुटी हैं कि आग कैसे लगी। क्या यह बिस्तर से उठी, किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से, या कुछ और वजह से। शराब की मौजूदगी और कमरे के अंदर से बंद होने की स्थिति भी जांच के दायरे में है।