Meerut News Today In Hindi: मेरठ पुलिस लाइन के पी-ब्लॉक में रविवार शाम बड़ा हादसा हो गया। जर्जर क्वार्टर की छत गिरने से दिव्यांग कर्मचारी समेत आठ लोग मलबे में दब गए, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं।
Police line quarter collapse 8 injured in Meerut: मेरठ पुलिस लाइन के पी-ब्लॉक में रविवार देर शाम बड़ा हादसा हो गया। बरसात के चलते जर्जर सरकारी क्वार्टर की छत अचानक भरभराकर गिर गई, जिससे परिवार के आठ सदस्य मलबे में दब गए। इनमें तीन छोटे बच्चे भी शामिल थे। आसपास मौजूद लोगों और दमकल विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर सभी को जसवंत राय अस्पताल पहुंचाया।
हादसे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और दिव्यांग दर्जी ओमकार सिंह (55) गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। उनकी पत्नी सुमन (50), बड़ा बेटा विशाल (35), बहू पिंकी (32), छोटा बेटा आकाश (30) और तीन बच्चे आशु, नित्या व लड्डू भी मलबे में दबे थे। सभी को फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। कुछ को प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया जबकि गंभीर घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है।
हादसे की जानकारी मिलते ही एडीजी भानु भास्कर, डीआईजी कलानिधि नैथानी और एसएसपी डॉ. विपिन ताडा सहित तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया और पीड़ित परिवार से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि परिवार को तुरंत दूसरा सुरक्षित क्वार्टर उपलब्ध कराया जाएगा।
पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्होंने कई बार आरआई और अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर मकान की जर्जर हालत की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ओमकार सिंह पिछले डेढ़ दशक से इस क्वार्टर में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। छत और दीवारें लंबे समय से टूट-फूट की स्थिति में थीं, लेकिन मरम्मत के नाम पर सिर्फ वादे किए गए।
पुलिस लाइन के कई क्वार्टर वर्षों पुराने और बेहद जर्जर हालत में हैं। बरसात के दौरान हालात और बिगड़ जाते हैं। छतों से पानी टपकता है, दीवारों में सीलन भर जाती है और क्वार्टरों के भीतर पानी जमा हो जाता है। परिवारों को छतों पर पॉलिथीन डालकर बरसात से बचाव करना पड़ता है। स्थानीय निवासी सुमित्रा सिंह और ऊषा ने बताया कि कई बार शिकायतें करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जून माह में जर्जर क्वार्टरों का सर्वे हुआ था। उस दौरान अधिकारियों ने मरम्मत का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हुआ। पुलिस लाइन ही नहीं बल्कि जिले के कई थानों के क्वार्टर भी खराब स्थिति में हैं। ऐसे में दिन-रात जनता की सुरक्षा करने वाले पुलिसकर्मी और उनके परिवार खुद असुरक्षित हालात में जीने को मजबूर हैं।