UP Police: यूपी पुलिस ने रविवार को महिला दरोगा अमृता यादव को सेवा से बर्खास्त कर दिया। उसके बर्खास्त होने के बाद कई बाते उठने लगी। आइए बताते हैं आखिर अमृता यादव के बर्खास्त होने की असली वजह क्या है ?
UP Police News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के कोतवाली थाने में तैनात महिला दरोगा अमृता यादव को उत्तर प्रदेश पुलिस के मेरठ रेंज के उप महानिरीक्षक (DIG) कलानिधि नैथानी ने 04 मई 2025 दिन रविवार को बर्खास्त कर दिया। उन्होंने सोमवार को इसकी जानकारी दी। 04 मई को अमृता यादव का टर्मिनेशन लेटर जारी कर दिया गया था।
साल 2017 में अमृता यादव पर मेरठ में तैनाती के दौरान गंभीर मामले में बड़ी धाराएं मुकदमे से हटाने के एवज में 20 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगा था। सात साल की कानूनी प्रक्रिया के बाद 05 सितंबर 2024 को ट्रायल कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया था। कोर्ट ने अमृता को सात साल की सश्रम कारावास और 75 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
बात साल 2017 की है। गाजियाबाद के मोदीनगर के रहने वाले समीर की शादी मेरठ कोतवाली के रहने वाले अनवर की बेटी मजहर के साथ हुई थी। शादी के बाद मजहर ने अपनी ससुरालवालों के खिलाफ कोर्ट के जरिए मेरठ थाने में दहेज़ उत्त्पीडन और रेप सहित कई अन्य गंभीर धराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
मेरठ थाने में तैनात मूलरूप से सहारनपुर की रहने वाली महिला दरोगा अमृता यादव को मामले का इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर (IO) नियुक्त किया गया था। अमृता ने मामले की विवेचना के लिए समीर को फोन कर थाने बुलाया। अमृता ने मामले में दो गंभीर धाराएं काम करने के बदले समीर से 1 लाख रुपये की डिमांड की। उन्होंने कहा- पहले 20 हजार रुपये ले आओ तो धाराएं काम कर दूंगी।
समीर ने मामले की शिकायत एंटी करप्शन टीम से कर दी। फिर क्या था ? एंटी करप्शन टीम ने रिश्वतखोर महिला दरोगा अमृता यादव को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। एंटी करप्शन टीम ने 6 लोगों की टीम बनाई। टीम ने समीर को 2 हजार के 10 नोट दिए। समीर के साथ टीम के भो दो लोग गए।
समीर और उसके परिजनों से बुढ़ाना गेट पुलिस चौकी पर बैठकर अमृता यादव ने 20 रुपये की रिश्वत ले ली। पैसा हाथ में लेते ही साथ में गए टीम के दो लोगों ने आसपास खड़े अधिकारियों को बुलाया और अमृता यादव को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।
एंटी करप्शन टीम ने आरोपी महिला दरोगा अमृता यादव के खिलाफ केस दर्ज कराया। इसके बाद विभागीय जांच में भी महिला दरोगा अमृता यादव दोषी पाई गई। मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में गया तो उन्होंने महिला दरोगा के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।