BLO commits suicide मुरादाबाद में एसआईआर कार्य में लगे शिक्षक बीएलओ ने आत्महत्या कर ली। इसके पहले उन्होंने सुसाइड नोट भी लिखा है।
BLO commits suicide मुरादाबाद में एसआईआर कार्य में लगाए गए शिक्षक ने सुसाइड कर लिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी को लिखे पत्र में उसने बताया है कि रात दिन एक करने के बाद भी टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है। एसआईआर के विषय में विषय पूरी जानकारी भी नहीं है। इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है। अपने पत्र में शिक्षक ने अपने परिवार के विषय में भी जानकारी दी है। घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। मृतक परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। घटना भोजपुर थाना क्षेत्र की है। इस संबंध में मुरादाबाद पुलिस ने बताया कि भोजपुर थाना पुलिस से आवश्यक कार्रवाई कर रही है।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद भोजपुर बहेड़ी गांव के रहने वाले सर्वेश सिंह ने आत्महत्या कर ली है। इसकी जानकारी होते ही घर में रोना-पीटना मच गया। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है। जिसमें बताया कि वह कंपोजिट विद्यालय जाहिदपुर सीकनपुर में सहायक अध्यापक है। 7 अक्टूबर से बूथ नंबर 406 पर नियुक्त किया गया था। मुझे एसआईआर के विषय में पूरी जानकारी नहीं है। जिसके कारण वह टारगेट पूरा नहीं कर पा रहा है। रात-दिन एक करने के बाद भी तनाव में रहना पड़ता है। तीन घंटे भी सोने को नहीं मिलता है।
सर्वेश सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि दो छोटी बेटियों की तबीयत खराब रहती है, जिससे वह बहुत परेशान है। मानसिक संतुलन भी खराब हो गया है। इसलिए वह आत्मघाती कदम उठा रहा है। इसके लिए उसने किसी को दोषी नहीं ठहराया है। लेकिन पत्र में लिखा है कि वह बहुत कुछ लिखना चाहता है। ऊपर समय बहुत कम है।
अपने विद्यालय के छात्रों से भी उन्होंने माफी मांगी है। दो पेज के पत्र में आगे उन्होंने लिखा है कि मैं जीना तो चाहता हूं, पर क्या करूं? मुझे बहुत बेचैनी और वह घुटन हो रही है। काफी डरा हुआ महसूस कर रहा हूं। मैं छोटी बेटियों का ख्याल रखना। बहुत मासूम हैं। यह लिखते समय काफी पीड़ा महसूस कर रहा हूं। मेरी सेवा से जो राशि बनती है, मेरी पत्नी को दे दी जाए ताकि वह वीडियो का जीवन सहारा बन सके।
सर्वेश सिंह ने लिखा है कि अधिकारियों से विनती है कि परिवार को ज्यादा परेशान ना करें। मेरे ना होने के कारण उनका जीवन बहुत खराब हो सकता है। मैं अपने जीवन में पहली बार बीएलओ के पद पर नियुक्त हुआ हूं। अंत में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि आशा है मेरे मृत शरीर को मेरे परिवार के हवाले कर देना ताकि वे क्रिया कर्म कर सकें।