Deepti Sharma: दीप्ति शर्मा के ऑलराउंड प्रदर्शन ने भारत को पहली बार महिला विश्व कप चैंपियन बनाया। आखिरी विकेट झटके ही मुरादाबाद जश्न में डूब गया। शहर की पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रहीं दीप्ति पर हर ओर गर्व की लहर है, जबकि पूरे देश में उत्सव जैसा माहौल बना हुआ है।
Deepti Sharma Moradabad Connection: महिला वर्ल्ड कप फाइनल में जैसे ही दीप्ति शर्मा की गेंद हवा में टिककर साउथ अफ्रीका की बल्लेबाज लारा वूल्फर्ट की गिल्लियां बिखेर गईं, पूरा मुरादाबाद खुशी से गूंज उठा। शहर के सिविल लाइंस, बुध बाजार, रामगंगा विहार और जिगर कॉलोनी में आतिशबाजी ने आसमान सजा दिया। लोग घरों से बाहर निकल आए और भारत माता की जय के नारे कानों में गूंजते रहे। रविवार की छुट्टी ने इस जश्न को और गहरा कर दिया, लोग सुबह से टीवी स्क्रीन से चिपके बैठे थे और अंतिम ओवर तक सांसें थामकर मैच देखते रहे।
दीप्ति शर्मा ने जिस धैर्य और निर्णायकता से दो अहम विकेट निकालकर भारत को जीत दिलाई, वह वर्षों तक याद रखा जाएगा। आखिरी ओवर में उन्होंने जैसे ही साउथ अफ्रीका का अंतिम विकेट झटका, पूरे देश में उत्सव छा गया। इस विकेट ने न सिर्फ मैच जीता, बल्कि हर उस भारतीय को गर्व से भर दिया जो टीवी पर पल-पल की धड़कन सुन रहा था।
शहर के लिए यह जीत इसलिए भी खास थी क्योंकि भारत की नायिका दीप्ति शर्मा वर्तमान में मुरादाबाद पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रही हैं। शहरवासियों ने कहा कि हमारी बेटी ने देश को गौरवान्वित किया है। डीजी ट्रेनिंग और पुलिस अकादमी के निदेशक राजीव सब्बरवाल ने दीप्ति को विजयी प्रदर्शन पर बधाई देते हुए कहा कि मेहनत, अनुशासन और लगन हर बाधा को तोड़ सकती है।
फाइनल में जब भारत की पारी लड़खड़ा रही थी, तो दीप्ति शर्मा ने 58 रनों की जुझारू पारी खेलकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया। बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजी में उन्होंने 9.3 ओवर में 39 रन देकर पाँच विकेट चटकाए और मैच की दिशा ही बदल दी। इस दमदार प्रदर्शन के बाद उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया। क्रिकेट कोच दानिश मिर्जा ने इसे भारतीय महिला क्रिकेट का स्वर्णिम क्षण बताया।
पूर्व रणजी खिलाड़ी विजय गुप्ता ने कहा कि टीम ने यह सिद्ध कर दिया है कि बेटियां किसी से कम नहीं। बदरुद्दीन सिद्धीकी के अनुसार शुरुआत से ही भारतीय खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बता रहा था कि जीत हमारे नाम ही होगी। क्रिकेट कोच सुनील कुमार ने इस जीत को महिला क्रिकेट का टर्निंग पॉइंट बताया।
भारत की इस जीत ने न सिर्फ ट्रॉफी घर लाई बल्कि लाखों लड़कियों के सपनों को भी नई ऊँचाई दी। शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना की आक्रामक शुरुआत, हरमनप्रीत कौर की कप्तानी और दीप्ति शर्मा के ऑलराउंड प्रदर्शन ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय बेटियां हर मोर्चे पर अपनी मेहनत से इतिहास बना सकती हैं।