Dheerendra Shastri Padyatra: बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा का तीसरा दिन रविवार को दिल्ली से हरियाणा होते हुए वृंदावन की ओर बढ़ा। यात्रा में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य भी शामिल हुए और दोनों ने भजन गाए।
Dheerendra shastri aniruddhacharya sanatana ekta padyatra: बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा रविवार को तीसरे दिन हरियाणा से आगे बढ़ते हुए वृंदावन की दिशा में पहुंची। यात्रा के दौरान कथावाचक अनिरुद्धाचार्य भी शामिल हुए। दोनों संतों ने साथ बैठकर भजन गाए, भगवा ध्वज थामा और भक्तों की भीड़ में माहौल पूरी तरह आध्यात्मिक हो गया।
धीरेंद्र शास्त्री और अनिरुद्धाचार्य यात्रा के बीच सड़क पर ही पूड़ी और आलू की सब्जी खाकर लोगों में सादगी और संत परंपरा का संदेश देते दिखे। शास्त्री स्वयं संतों और सहयोगियों को भोजन परोसते नजर आए। भक्त भी इस दृश्य को देखकर भाव-विभोर हो उठे और कई लोगों ने इसे लोकव्यवहार का उदाहरण बताया।
यात्रा के दौरान सुरक्षा घेरा अचानक तब टूट गया जब एक युवक तेज़ी से धीरेंद्र शास्त्री की ओर बढ़ने लगा। सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत पकड़ लिया। बाद में शास्त्री ने स्वयं उसे बुलाया और बात की। युवक ने कहा कि वह उनका भक्त है, जिस पर धीरेंद्र शास्त्री ने उसे माफ करते हुए छोड़ देने का निर्देश दिया और भीड़ में शांति बनाए रखने की अपील की।
यात्रा के बीच धीरेंद्र शास्त्री ने सेना को सहयोग, राष्ट्रवाद और हिंदू समाज की एकता पर जोर देते हुए कई बयान दिए। उन्होंने कहा- “हिंदुओं भारतीय सेना को दान करो, ताकि ज्यादा गोला-बारूद आ सके और पाकिस्तान को उड़ाया जा सके। देश बचेगा तो भविष्य भी बचेगा।” उन्होंने सामाजिक मुद्दों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा- “बच्चियों को लव जिहाद से बचाओ… बच्ची तू काली बन, लेकिन बुर्का वाली मत बन।” उनके इन बयानों पर सोशल मीडिया और राजनीति में चर्चा तेज हो गई है।
शनिवार को यात्रा में पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन और कल्कि पीठाधीश्वर भी जुड़े। धीरेंद्र शास्त्री को जमीन पर बैठकर धवन से सहज बातचीत करते हुए देखा गया। बाद में WWE रेसलर ‘द ग्रेट खली’ भी यात्रा में शामिल हुए और शास्त्री के साथ पैदल चले। शास्त्री ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य जाति आधारित अहंकार खत्म कर समाज को एक धागे में बांधना है। यह यात्रा 16 नवंबर को वृंदावन में समाप्त होगी।
यात्रा के दौरान एक युवक रावण की पोशाक पहनकर पहुंचा। धीरेंद्र शास्त्री ने उसे मंच के पास बुलाकर हंसते हुए कहा- “आओ दशानन, क्या हाल है?” युवक ने जवाब दिया- “महाराज, आपकी कृपा है। यह रावण भगवान राम की शरण में है।” इस पर शास्त्री बोले- “ये भगवान राम बोल रहा है। इसे मारा नहीं जाएगा। हिंदुओं, देख लो… दस मुख वाला भी साथ आ गया है। अब तुम भी एकजुट हो जाओ। देश और सेना का सम्मान करो।”