Moradabad News: गौतमबुद्ध नगर में गौरव और सहरीन ने मंदिर में सात फेरे लेकर अंतरधार्मिक शादी की, जहां प्रेम ने धर्म की दीवार को तोड़ दिया। पांच साल की प्रेम कहानी के बाद दोनों ने अपने परिवारों की सहमति के बिना शादी की और पुलिस की मदद से सुरक्षित दिल्ली पहुंच गए।
Interfaith Marriage Moradabad: प्यार और हिम्मत की मिसाल बनकर सामने आया गौतमबुद्ध नगर का यह युगल। गौरव और सहरीन ने मंदिर में सात फेरे लेकर यह साबित किया कि सच्चा प्यार धर्म और सामाजिक सीमाओं से ऊपर होता है। उनके इस साहसिक कदम ने समाज को यह संदेश दिया कि प्यार सबसे बड़ा है और इसके लिए साहस दिखाना आवश्यक है।
सहरीन खातून अंसारी और गौरव की प्रेम कहानी पांच साल पहले शुरू हुई थी। बातचीत और मिलने-जुलने के बाद दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया। अलग-अलग धर्म होने के बावजूद दोनों ने अपने प्यार को आगे बढ़ाने का मन बनाया। लेकिन उन्हें यह भी पता था कि उनके परिवार शादी के लिए तैयार नहीं होंगे।
प्रेम विवाह का रास्ता चुनते हुए गौरव ने सहरीन के बालिग होने तक इंतजार किया। जैसे ही वह बालिग हुई, दोनों पांच दिन पहले घर से फरार हो गए। इधर-उधर रहने के तीन दिनों के बाद, मंगलवार को युगल आर्य समाज मंदिर, जेवर, गौतमबुद्ध नगर पहुंचे और मंदिर में सात फेरे लेकर विवाह संपन्न किया।
शादी के बाद गौरव सहरीन के साथ मुरादाबाद जिले के छजलैट थाने पहुंचे और पुलिस को पूरी जानकारी दी। पुलिस ने दोनों के बयान दर्ज किए और सुरक्षा के साथ दिल्ली तक पहुंचाया। गौरव ने बताया कि अब वह दिल्ली में रहकर मेहनत-मजदूरी करेगा और अपनी पत्नी के साथ जीवन यापन करेगा।
शादी के बाद भी सहरीन ने अपना धर्म नहीं बदला। छजलैट थाने में पहुंचकर उन्होंने नमाज अदा की और पुलिस को बताया कि उन्होंने गौरव से शादी कर ली है, लेकिन वह अपने धर्म को मानते रहेंगे। दोनों अब एक साथ रहेंगे, लेकिन अपने-अपने धर्म का पालन भी करेंगे।
प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार ने कहा कि दोनों ने शादी कर ली है और दोनों बालिग हैं। बयान लेने के बाद पुलिस ने उन्हें उनके बताए स्थान तक सुरक्षित पहुंचा दिया। पुलिस का कहना है कि अब युगल अपने नए जीवन की शुरुआत कर सकता है।