मुरादाबाद

अब CUG नंबर नहीं उठा तो होगी कार्रवाई! मुरादाबाद कमिश्नर ने अफसरों को लगाई लगाम, स्कूलों में मोबाइल पर भी सख्ती

Moradabad News: यूपी के मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने अधिकारियों को CUG नंबर हर हाल में उठाने के सख्त निर्देश दिए हैं। कॉल नहीं उठाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

2 min read

Moradabad commissioner cug call order: मुरादाबाद मंडल में अब अधिकारी अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने मंडल के सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि अब सीयूजी (CUG) नंबर हर हाल में उठाना अनिवार्य होगा। यदि कोई अधिकारी कॉल नहीं उठाता है या जानबूझकर नंबर किसी अधीनस्थ को सौंप देता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, स्कूलों में छात्रों द्वारा मोबाइल के उपयोग पर भी बड़ा निर्देश जारी हुआ है।

ये भी पढ़ें

Traffic Diversion: कांवड़ यात्रा के चलते दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर वाहनों की एंट्री बैन, दोनों लेन सिर्फ कांवड़ियों के लिए आरक्षित

CUG नंबर उठाने में लापरवाही पर होगी कार्रवाई

कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, अमरोहा और संभल के जिलाधिकारियों को स्पष्ट आदेश जारी किया है कि अधिकारी अपने CUG नंबर खुद उठाएं। यह नंबर शासन द्वारा इसलिए उपलब्ध कराए गए हैं ताकि जनता, जनप्रतिनिधियों और आपदा जैसी परिस्थितियों में तुरंत संपर्क स्थापित किया जा सके।

कमिश्नर ने कहा कि यह गंभीर मामला है कि कुछ अधिकारी सीयूजी नंबर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को सौंप देते हैं, जिससे समय पर जरूरी जानकारियां नहीं मिल पातीं और जनता में शासन के प्रति विश्वास कम होता है। ऐसी स्थिति में सरकार की छवि को भी नुकसान होता है।

कमिश्नर ने बनाई निगरानी टीम, होगी रैंडम कॉलिंग

कमिश्नर ने बताया कि अधिकारियों के फोन रिस्पॉन्स की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई है। यह टीम रैंडम कॉलिंग के जरिये यह सुनिश्चित करेगी कि अधिकारी वाकई CUG नंबर उठा रहे हैं या नहीं। यदि कोई अधिकारी कॉल उठाने में असमर्थ हो (जैसे बैठक में व्यस्त हो), तो बाद में कॉल बैक करना अनिवार्य होगा। इस निर्देश की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

स्कूलों में मोबाइल पर भी कमिश्नर की सख्ती

स्कूलों में मोबाइल फोन के बढ़ते दुरुपयोग और बच्चों पर उसके दुष्प्रभावों को लेकर भी कमिश्नर ने अहम कदम उठाया है। मंडल के सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल परिसर में छात्र-छात्राओं द्वारा मोबाइल फोन का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित हो।

कमिश्नर ने कहा कि मोबाइल फोन बच्चों की मानसिक एकाग्रता को भंग कर रहा है और उनके व्यवहार पर भी गलत असर डाल रहा है। कई स्कूलों में मोबाइल के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है, जो अनुचित है और बच्चों में मोबाइल की लत को बढ़ावा दे रही है।

होमवर्क सिर्फ अध्यापक की निगरानी में

कमिश्नर ने निर्देश दिया कि यदि छात्रों को मोबाइल फोन के माध्यम से कोई कार्य (जैसे प्रोजेक्ट या होमवर्क) कराना आवश्यक है, तो वह कार्य कक्षा में ही अध्यापक की निगरानी में कराया जाए। इसके लिए घर पर मोबाइल से होमवर्क न दिया जाए।

शासन ने स्पष्ट किया है कि तकनीक का उपयोग शिक्षा में होना चाहिए लेकिन उसका अत्यधिक प्रयोग बच्चों के मानसिक विकास को बाधित कर रहा है, इसलिए सावधानी जरूरी है।

Updated on:
02 Aug 2025 08:16 pm
Published on:
02 Aug 2025 06:09 pm
Also Read
View All

अगली खबर