Moradabad News: मुरादाबाद में पूर्व सपा सांसद ST हसन ने वंदे मातरम् पर बयान देते हुए कहा कि मुसलमान केवल अल्लाह की इबादत करता है और जमीन की पूजा नहीं कर सकता, इसलिए वंदे मातरम् नहीं गाएगा। उन्होंने इसे सौ साल पुराना विवाद बताते हुए आरोप लगाया कि चुनावी समय में मुद्दे को जानबूझकर उछाला जाता है।
ST hasan vande mataram controversy moradabad: यूपी के मुरादाबाद में वंदे मातरम् को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि मुसलमान केवल अल्लाह की इबादत करता है और उसके अलावा किसी भी चीज की पूजा मान्य नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि मुसलमान वंदे मातरम् नहीं गा सकता क्योंकि यह धरती की पूजा जैसा है, जबकि इस्लाम में जमीन या किसी और वस्तु की इबादत की मनाही है।
ST हसन ने अपने बयान में कहा कि वंदे मातरम् को लेकर विवाद कोई नया नहीं है, बल्कि यह सौ साल से चला आ रहा है। लेकिन इसे चुनावों के दौरान मुद्दा बनाया जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय इस मुद्दे को क्यों उछाला जा रहा है। उनका कहना था कि देश में हिंदू-मुसलमान की राजनीति कौन करता है, यह सभी जानते हैं और अब सरकार को इस तरह की सियासत बंद करनी चाहिए।
पूर्व सांसद ने दोहराया कि मुसलमान सिर्फ अल्लाह की इबादत करता है और उसके अलावा किसी भी चीज़ की पूजा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इबादत उसी की होती है जिसने इंसान को पैदा किया है। उनका तर्क था कि वंदे मातरम् में भूमि की पूजा की अवधारणा आती है, जो इस्लाम के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है। इसलिए मुसलमान वंदे मातरम् नहीं गा सकता।
हसन ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि वंदे मातरम् न गाने का अर्थ देशभक्ति की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुसलमान मातृभूमि के लिए जान तक दे सकते हैं, लेकिन पूजा केवल अल्लाह की की जाएगी। उनके अनुसार, वंदे मातरम् जमीन की पूजा है और इस कारण इसे इस्लामिक मान्यताओं के तहत स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पूर्व सांसद ने कहा कि वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर भाजपा पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित कर रही है और स्कूलों, कॉलेजों तथा चौपालों में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे अवसरों पर धार्मिक मुद्दों को उछालकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जाती है।