UP Rain: उत्तर प्रदेश में 13 सितंबर से भारी बारिश का नया दौर शुरू होने जा रहा है। मौसम विभाग ने पूर्वी और पश्चिमी यूपी के कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। 14 से 16 सितंबर तक मूसलाधार बारिश की संभावना जताई गई है।
UP weather alert heavy rain: उत्तर प्रदेश में मानसून का असर लगातार तेज़ होता जा रहा है। मौसम विभाग ने 13 सितंबर को पूरे प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई है। इसको देखते हुए पूर्वी और पश्चिमी यूपी के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया है। विभाग ने आम जनता को सतर्क रहने और खराब मौसम में घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना जताई है। जिन 11 जिलों को अलर्ट सूची में रखा गया है, उनमें गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और लखीमपुर खीरी शामिल हैं। विभाग ने विशेष तौर पर ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में रहने वाले लोगों को सलाह दी है कि वे बारिश के दौरान नदियों और तालाबों के पास न जाएं और पूरी सावधानी बरतें।
सिर्फ पूर्वी यूपी ही नहीं, बल्कि पश्चिमी जिलों में भी भारी बारिश का अंदेशा है। शाहजहांपुर, रामपुर, सीतापुर, बरेली और पीलीभीत के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने जिला प्रशासन को पहले से ही तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को जलभराव और बिजली गिरने जैसी आपदाओं से बचने की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि बारिश का यह सिलसिला यहीं नहीं थमेगा। 14, 15 और 16 सितंबर को भी पूर्वी यूपी के जिलों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। इस दौरान प्रदेश का तापमान 25 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा। लगातार हो रही बारिश से एक ओर किसानों की फसलों को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर आम जनता के लिए यह परेशानी का कारण बन सकती है।
भारी बारिश की चेतावनी के बीच विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। विशेषकर खुले स्थानों, तालाबों और बिजली के खंभों से दूर रहने की हिदायत दी गई है। जिन इलाकों में जलभराव की समस्या अक्सर रहती है, वहां के निवासियों को पहले से तैयारी करने को कहा गया है। मौसम विभाग ने साफ कहा है कि छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने दिया जाए।
उत्तर प्रदेश में मानसून का यह नया दौर जहां किसानों की सूखी फसलों के लिए वरदान साबित हो सकता है, वहीं शहरी और ग्रामीण इलाकों में जलभराव, बिजली कटौती और परिवहन अव्यवस्था जैसी दिक्कतें भी पैदा कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बारिश भले ही खेती को सहारा देगी लेकिन आम लोगों के लिए यह दिनोंदिन चुनौतीपूर्ण होती जा रही है।