US Tariff Impact on UP Handicraft Export: अमेरिका द्वारा भारतीय हस्तशिल्प और वस्त्र उत्पादों पर 50% टैरिफ (US Tariff) लगाने से निर्यात उद्योग पर संकट गहराया है। ईपीसीएच और उद्योग संगठनों ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर समाधान की मांग की है।
US tariff impact on up handicraft export epch meets textile minister: अमेरिका द्वारा भारतीय हस्तशिल्प और वस्त्र उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ (US Tariff) लागू किए जाने के बाद निर्यात उद्योग में संकट गहराता जा रहा है। कई निर्यात इकाइयों के ऑर्डर अचानक रुक गए हैं, जबकि पहले से तैयार माल को विदेशी खरीदारों ने होल्ड पर रख दिया है। इस स्थिति में नए काम की संभावना भी लगभग खत्म हो गई है, जिससे उद्योग जगत को भारी आर्थिक नुकसान का खतरा मंडरा रहा है।
बुधवार को हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच), वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद और अन्य उद्योग संघों के प्रतिनिधि मंडलों ने केंद्र सरकार को इस नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में निर्यातकों ने स्पष्ट किया कि टैरिफ (US Tariff) के कारण उत्पादन ठप पड़ने और रोजगार पर असर पड़ने का खतरा बढ़ गया है।
केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने बैठक में कहा कि मौजूदा टैरिफ (US Tariff) परिदृश्य नकारा नहीं जा सकने वाली चुनौतियां प्रस्तुत करता है, लेकिन यह समय अपनी रणनीतियों को मजबूत करने का भी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखेगी, ताकि निर्यातकों को अनुकूल शर्तें मिल सकें।
गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत को अब यूरोपीय संघ, मध्य पूर्व, पूर्वी एशिया और लैटिन अमेरिका जैसे उभरते हुए बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ानी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि विविधीकरण से न केवल एकल बाजार पर निर्भरता कम होगी, बल्कि निर्यातकों के लिए नए विकास के अवसर भी खुलेंगे।
सरकार ने संकेत दिया है कि वह लक्षित नीतिगत हस्तक्षेपों, प्रोत्साहनों और रणनीतिक व्यापार वार्ताओं के माध्यम से इस क्षेत्र को मजबूती देगी। उद्देश्य यह है कि भारतीय निर्यात वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहें और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना वर्चस्व बनाए रखें।
बैठक में वस्त्र राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा, वस्त्र सचिव नीलम शमी राव, व्यापार सलाहकार शुभ्रा, और वस्त्र मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजय गुप्ता ने अमेरिकी टैरिफ (US Tariff) के प्रभाव का आकलन प्रस्तुत किया। इसके साथ ही ईपीसीएच महानिदेशक एवं मुख्य संरक्षक डॉ. राकेश कुमार, प्रशासन समिति सदस्य राजेश जैन, राजेंद्र गुप्ता, और कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे।