Maharashtra Civic Polls: मुंबई नगर निगम (BMC Election) सहित जिला परिषदों, पंचायत समितियों और नगर पालिकाओं के चुनाव तीन साल से ज्यादा समय से लंबित हैं।
महाराष्ट्र में आने वाले महीनों में होने वाले स्थानीय और नगर निकाय चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन की सहयोगी पार्टी एनसीपी (अजित पवार गुट) ने स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि एनसीपी अजित गुट राज्य में होने वाले ग्रामीण और शहरी निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ेगी।
गोंदिया स्थित अपने आवास पर सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा कि महायुति गठबंधन लोकसभा और विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेगा, लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों में उम्मीदवारों और सीटों का फैसला जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं की राय के अनुसार किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कहीं स्थानीय स्तर पर गठबंधन जरूरी समझा गया तो उस पर कोई रोक नहीं है।
पटेल ने कहा, चुनाव लड़ने के इच्छुक कई उम्मीदवार हैं। ऐसे में पार्टी का इरादा स्थानीय निकाय चुनावों में स्वतंत्र रूप से उतरने का है। लेकिन स्थानीय स्तर पर अन्य दलों से तालमेल करना है या नहीं यह जिला नेतृत्व और स्थानीय नेताओं की राय पर निर्भर करता है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी महायुति सरकार का हिस्सा है, जिसमें भाजपा और एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना भी शामिल हैं। पटेल के इस बयान को एनसीपी कार्यकर्ताओं की बढ़ती उम्मीदों और दबाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि 2022 से लंबित स्थानीय निकाय चुनावों को 31 जनवरी 2026 तक पूरा किया जाए। इनमें मुंबई नगर निगम, जिला परिषदें, पंचायत समितियां और नगर पालिकाएं शामिल हैं।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति गठबंधन एकजुट होकर उतरने की मंशा जाहिर कर चुका है। हालांकि, जिन सीटों पर आपसी सहमति नहीं बन पाएगी, वहां तस्वीर अलग हो सकती है। ऐसे में एनसीपी के इस रुख ने साफ कर दिया है कि महायुति में एकजुटता बनाए रखते हुए स्थानीय चुनावों में वह अपना-अपना दमखम दिखाने के लिए भी तैयार है।