Maharashtra Local Body Elections: सीएम फडणवीस के ममेरे भाई ने नगरसेवक पद का चुनाव बिना किसी मुकाबले के जीत लिया है। यह कांग्रेस प्रत्याशियों के अंतिम समय में नाम वापस लेने के कारण संभव हुआ।
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। 2 दिसंबर को मतदान और 3 दिसंबर को परिणाम घोषित होंगे। लेकिन उससे पहले ही कुछ सीटों पर तस्वीर साफ हो गई है। कई जगह उम्मीदवार बगैर मुकाबले जीत गए हैं। इनमें दो सीटें खास तौर पर सुर्खियों में हैं, क्योंकि यहां भाजपा के दो प्रभावशाली नेताओं के रिश्तेदार निर्विरोध चुन लिए गए। यह तभी संभव हुआ जब कांग्रेस उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए। हालांकि कांग्रेस अब इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर रही है।
अमरावती जिले के चिखलदरा नगर परिषद चुनाव (Chikhaldhara Municipal Council Polls) में प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ममेरे भाई आल्हाद कलोते (Alhad Kalote) भाजपा के प्रत्याशी थे। वे प्रभाग नंबर एक से मैदान में थे। यहां कांग्रेस ने शेख इशाद शेख को उतारा था, लेकिन गुरुवार को कांग्रेस उम्मीदवार सहित कुल सात उम्मीदवारों ने नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद कलोते निर्विरोध चुन लिए गए। इस पर कांग्रेस की विधायक यशोमती ठाकुर (MLA Yashomati Thakur) ने मुख्यमंत्री पर सीधा आरोप लगाया कि उन्होंने अपने करीबी को जीताने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया।
जामनेर नगर परिषद चुनाव (Jamner Municipal Council Polls) में भाजपा के मंत्री और मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन (Sadhana Mahajan) परिषद अध्यक्ष पद की उम्मीदवार थीं। यह सीट महिलाओं के लिए सामान्य श्रेणी में आरक्षित थी। साधना महाजन पहले भी अध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने सोमवार को नामांकन दाखिल करते समय शक्ति प्रदर्शन भी किया था। गुरुवार को नाम वापस लेने का आखिरी दिन था और कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और अजित पवार गुट की एनसीपी के तीनों उम्मीदवारों ने चुनाव से हटने का फैसला कर लिया। इसके बाद साधना महाजन भी बिना किसी मुकाबले निर्वाचित घोषित हो गईं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मुख्यमंत्री फडणवीस पर तीखे आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि वोट चोरी का सिलसिला अब उम्मीदवारों की चोरी तक पहुंच गया है। सपकाल ने आरोप लगाया कि जो व्यक्ति उस क्षेत्र में रहता ही नहीं, उसका भी नाम मतदाता सूची में शामिल है। यह मुख्यमंत्री का अशोभनीय कृत्य है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के रिश्तेदार को इसलिए नगरसेवक बनाया गया, जिससे चिखलधरा में जमीन खरीदने में मदद हो।
इन दोनों सियासी घटनाओं पर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोढ़े ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाजपा का पैसा और दबदबा लोकतांत्रिक परंपराओं को कुचलने में लगा है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग को जांच करनी चाहिए कि आखिर कैसे कई जगहों पर निर्विरोध चुनाव हो रहे हैं।