मुंबई

अब आसमान से आएगी डाक… सीधे ड्रोन से पहुंचेगी चिट्ठियां, 27 गांवों में शुरू होगी सेवा

Post Office Drone Postman : अब घने जंगलों के पार उड़कर पहुंचेगी डाक। गढ़चिरौली के दुर्गम इलाकों में भारतीय डाक विभाग ने ड्रोन सेवा शुरू करने की तैयारी की है।

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Oct 12, 2025
ड्रोन पोस्टमैन (AI Image)

भारतीय डाकघर (India Post Office) जल्द ही अनोखी सेवा शुरू करने जा रहा है। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के दुर्गम इलाकों में डाक विभाग ने ड्रोन सेवा शुरू करने की तैयारी कर ली है। इस पहल के तहत भामरागढ़, वैरागढ़ और सिरोंचा तालुकों के 27 गांवों में ड्रोन से चिट्ठियां, दवाइयां और जरूरी दस्तावेज पहुंचाए जाएंगे, जिससे दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों की जिंदगी आसान बनेगी।

मिली जानकारी के मुताबिक, गढ़चिरौली जैसे नक्सल प्रभावित और दुर्गम इलाकों में डाक पहुंचाना हमेशा से डाक विभाग के लिए बड़ी चुनौती रहा है। घने जंगल, बहती नदियां और बरसात में बह जाने वाले रास्ते अक्सर गांवों को बाहरी दुनिया से काट देते हैं। ऐसे में अब डाक विभाग ने एक नई उड़ान भरी है और यहां अब सीधे ड्रोन से चिट्ठियां और जरूरी सामान पहुंचाएंगे।

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भारतीय डाक विभाग (India Post) ने महाराष्ट्र के इन दुर्गम इलाकों में ड्रोन-आधारित डिलीवरी सेवा शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है। चंद्रपुर डाकघर मंडल के वरिष्ठ अधीक्षक एस. राम कृष्ण के मुताबिक, यह सेवा शुरुआत में नक्सल प्रभावित जिले के भामरागढ़, वैरागढ़ और सिरोंचा तालुका के 27 गांवों में शुरू की जाएगी। इन गांवों में आदिवासी आबादी रहती है, जो बरसात के महीनों में कई हफ्तों तक बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट जाती है।

डी+0 डिलीवरी का लक्ष्य

डाक विभाग का लक्ष्य है कि हर जरूरी वस्तु या दस्तावेज उसी दिन (D+0 Delivery) प्राप्तकर्ता तक पहुंचाया जाए। लेकिन अब तक इन इलाकों में खतरनाक भूभाग और खराब कनेक्टिविटी के अलावा मुश्किल रास्तों की वजह से कई बार डाक पहुंचाने में दो दिन या उससे अधिक (D+2) लग जाते थे। लेकिन ड्रोन सेवा से यह समस्या खत्म होने की उम्मीद है।

यहां हुआ सफल ट्रायल

बताया जा रहा है कि इस परियोजना को हरी झंडी इसी साल मई में मिली, जब कर्जत से माथेरान के बीच एक ड्रोन ने 9 किलो वजन का पार्सल सिर्फ 20 मिनट में पहुंचाया। जबकि यही दूरी सड़क मार्ग से तय करने में करीब दो घंटे लगते हैं। इस सफल ट्रायल के बाद अगस्त में चंद्रपुर डाक विभाग को गढ़चिरौली में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया। इसके बाद 27 सुदूर गांवों के पहले समूह का चयन किया गया।

इस सेवा की निगरानी कर रहे अधिकारी ललित बोरकर ने बताया कि ड्रोन डिलीवरी के जरिए अब इन गांवों तक मेडिकल किट, सरकारी दस्तावेज, समाचार पत्र और अन्य जरूरी सामान समय पर पहुंच सकेगी। इससे न केवल संचार व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि दूर-दराज के आदिवासी इलाकों में जीवन की रफ्तार भी बदलेगी।

Updated on:
12 Oct 2025 06:25 pm
Published on:
12 Oct 2025 05:58 pm
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