मुंबई

उत्तर भारतीयों को मराठी सीखना ज्यादा जरूरी… हिंदी विवाद में कूदे शैक्षणिक संगठन, सीएम ने क्या कहा?

Hindi Marathi Row : कई संगठनों ने मांग की है कि जब तक उत्तर भारत के स्कूलों में मराठी भाषा नहीं पढ़ाई जाती, तब तक महाराष्ट्र में भी हिंदी को अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए।

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Apr 18, 2025
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

Hindi Compulsory in Maharashtra : महाराष्ट्र के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र तीन भाषा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। हालांकि, राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने इसका कड़ा विरोध किया है और आंदोलन की चेतावनी दी है।

राज्य के प्राइमरी स्कूलों (कक्षा 1 से 5 तक) में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने के फैसले का विरोध सिर्फ राजनीतिक दलों तक सीमित नहीं रहा है। राज्य की कई शैक्षणिक संगठनों ने भी इस निर्णय पर ऐतराज जताया है।

शैक्षणिक संगठनों ने किया विरोध

मराठी अभ्यास केंद्र, महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक प्रिंसिपल संघ, आम्ही शिक्षक सोशल संगठन, महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संस्था महामंडल, महाराष्ट्र प्रोग्रेसिव टीचर्स असोसिएशन और राज्य कला शिक्षक संघ जैसे संगठनों ने एकजुट होकर स्कूल शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है और इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है।

‘पहले उत्तर भारत में मराठी पढ़ाई जाए’

शिक्षा संगठनों ने अपने पत्र में कहा है, "जब तक उत्तर भारत के राज्य अपने स्कूलों में मराठी या द्रविड़ भाषा को अनिवार्य नहीं करते, तब तक महाराष्ट्र में भी हिंदी को अनिवार्य नहीं करना चाहिए। हमें लगता है कि उत्तर भारतीयों को मराठी सीखना ज्यादा जरूरी है, बजाय इसके कि महाराष्ट्र में हिंदी सिखाई जाए।"

CM बोले- देश की भाषाएं आना जरुरी 

इस विवाद के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम नई शिक्षा नीति को लागू कर रहे हैं जिसके तहत हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि यहां हर कोई मराठी के साथ-साथ देश की अन्य भाषाओं को भी सीखे। मराठी के साथ ही देश की अन्य भाषाएं भी आनी चाहिए। मुझे लगता है कि यह केंद्र सरकार के विचार को साकार करने के लिए है, जिसमें पूरे देश में एक संपर्क भाषा होनी चाहिए। इस लिहाज से यह निर्णय लिया गया है। हमने पहले ही राज्य में मराठी भाषा अनिवार्य की है, लेकिन इसके साथ ही हर कोई अंग्रेजी, हिंदी और अन्य भाषाएं सीख सकता है।”

महाराष्ट्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 1 से हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने मुंबई में शिवसेना भवन के पास इस मुद्दे पर एक पोस्टर लगाया है। जिसमें लिखा है, “हम हिंदू हैं... पर हिंदी नहीं!” अब देखना ये है कि महाराष्ट्र सरकार इस तीखे विरोध के बाद अपने निर्णय पर पुनर्विचार करती है या नहीं। लेकिन इतना तय है कि भाषा की राजनीति महाराष्ट्र में आगामी निकाय चुनाव से पहले फिर जोर पकड़ रही है।

Updated on:
18 Apr 2025 09:07 pm
Published on:
18 Apr 2025 04:11 pm
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