Satara Doctor Death: महाराष्ट्र के एक सरकारी अस्पताल की एक महिला डॉक्टर की आत्महत्या ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। महिला डॉक्टर ने हथेली पर सुसाइड नोट लिखकर जान दे दी।
महाराष्ट्र के सातारा जिले (Satara Doctor Suicide Case) से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। फलटण उपजिला अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। डॉक्टर के हाथ पर पेन से एक सुसाइड नोट लिखा गया है। इस सुसाइड नोट में पुलिस इंस्पेक्टर गोपाल बदने पर उन्हें बार-बार प्रताड़ित करने का जिक्र है। साथ ही बलात्कार के आरोप भी लगाए गए है। यह मामला सामने आते ही पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, महिला डॉक्टर कुछ महीनों से पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच चल रहे मामले में जांच के दायरे में थी। मेडिकल जांच को लेकर पुलिस से हुए विवाद के बाद उनके खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की गई थी। बताया जा रहा है कि इसके चलते वे भारी मानसिक तनाव में थीं। अंततः उन्होंने गुरुवार रात यह चरम कदम उठा लिया।
कुछ दिनों पहले ही डॉक्टर ने वरिष्ठ अधिकारियों को एक लिखित शिकायत सौंपी थी, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि “मुझ पर अन्याय हो रहा है, अगर न्याय नहीं मिला तो मैं आत्महत्या कर लूंगी।” लेकिन इस चेतावनी के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसके बाद उन्होंने अपनी जान दे दी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला डॉक्टर ने फलटण के एक होटल में गुरुवार को आत्महत्या की। देर रात पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या माना जा रहा है, लेकिन डॉक्टर के हाथ पर लिखे सुसाइड नोट ने इस पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया है।
कथित तौर पर महिला डॉक्टर ने मरने से पहले अपनी हथेली पर लिखा, “मेरी मौत का जिम्मेदार पुलिस निरीक्षक गोपाल बदने है। उसने मेरे साथ चार बार बलात्कार किया। पुलिसकर्मी प्रशांत बनकर ने भी मुझे चार महीने तक शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।”
इस खुलासे के बाद सातारा जिले में सनसनी फैल गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और पुलिस निरीक्षक गोपाल बदने और पुलिसकर्मी प्रशांत बनकर को निलंबित करने का आदेश दिया है। उन्होंने सतारा के एसपी से बात कर पूरी घटना की जानकारी ली और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
वहीं, सातारा के संरक्षक मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि घटना की सच्चाई सामने लाने के लिए सख्त जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया, “मैंने पुलिस अधीक्षक को मौके पर जाने और पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। अगर सुसाइड नोट या अन्य सबूत मिले हैं, तो उनकी बारीकी से जांच होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है और पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है। डॉक्टर के हाथ पर लिखा गया नोट महत्वपूर्ण सबूत माना जा रहा है।
उधर, महिला डॉक्टर के परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि अधिकारियों ने महिला डॉक्टर पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने का दबाव बनाया था। जब उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो उस पर अत्याचार किया जाने लगा। परिवार का कहना है कि यह मामला सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि लगातार गलत काम के लिए बनाए गए दबाव और अन्याय का परिणाम है। उन्होंने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
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