मुंबई

महाराष्ट्र में बारिश से तबाही: 83 लाख एकड़ फसल चौपट, 86 लोगों की मौत, सीएम ने केंद्र से मांगी मदद

महाराष्ट्र में हुई भीषण बारिश और उससे किसानों को हुए भारी नुकसान के संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें मांग की गई है कि एनडीआरएफ से महाराष्ट्र के प्राकृतिक आपदा प्रभावित किसानों को पर्याप्त सहायता प्रदान की जाए।

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Sep 26, 2025

महाराष्ट्र इस वक्त बारिश और बाढ़ की मार झेल रहा है। पिछले एक हफ्ते में ही 83 लाख एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। मराठवाड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है, जहां छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड़, धाराशिव, जालना और कई जिलों में किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। पश्चिम महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में भी स्थिती चिंताजनक है।

अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 654 राजस्व क्षेत्रों में भारी बारिश हुई है, जिससे सोयाबीन, कपास, प्याज, ज्वार और हल्दी जैसी फसलें चौपट हो गई हैं। नांदेड़, बीड, धाराशिव, यवतमाल, बुलढाणा और हिंगोली जिलों में हालात बेहद खराब हैं। कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने साफ कहा है कि नुकसान का आकलन पूरी ईमानदारी से होना चाहिए और अगर किसी किसान की जमीन का एक भी हिस्सा छूट गया तो संबंधित अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान गहरे संकट में हैं और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी मदद से वंचित न रहे।

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मराठवाड़ा में बारिश का कहर

मराठवाड़ा में 1 जून से 23 सितंबर के बीच बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में 86 लोगों की मौत हुई है। इनमें सबसे ज्यादा 26 मौतें नांदेड़ में दर्ज की गईं। इतना ही नहीं, अब तक 1,700 से ज्यादा जानवर भी मारे गए हैं। सिर्फ नांदेड़ जिले में 569 जानवरों की जान गई है। राज्य के केंद्र में स्थित मराठवाड़ा में छत्रपति संभाजीनगर, जालना, लातूर, परभणी, नांदेड़, हिंगोली, बीड और धाराशिव जिले शामिल हैं।

केंद्र से मांगी मदद

किसानों की मदद के लिए अब तक राज्य सरकार ने 2,230 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी की है। लेकिन हालात इतने गंभीर हैं कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपकर राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से अतिरिक्त मदद मांगी। इस ज्ञापन पर दोनों उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने भी हस्ताक्षर किए हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि अब तक 31 जिलों में लगातार बारिश से फसलें और कृषि भूमि बर्बाद हुई हैं। कुल मिलाकर 50 लाख हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें खत्म हो चुकी हैं। राज्य आपदा राहत कोष से 2,215 करोड़ रुपये तो पहले ही दिए जा चुके हैं, लेकिन मौजूदा हालात से निपटने के लिए और आर्थिक मदद बेहद जरूरी है।

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Updated on:
26 Sept 2025 02:33 pm
Published on:
26 Sept 2025 02:28 pm
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