Maharashtra Politics : अजित पवार ने कहा कि वह राजनीति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों से वरिष्ठ हैं। इस दौरान मंच पर शिंदे और फडणवीस भी मौजूद थे।
Ajit Pawar : महाराष्ट्र की राजनीति में तीन दशक से सक्रीय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष और राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अब तक सीएम नहीं बन पाने पर अफसोस जताते हुए कहा कि 1990 से राजनीति में होने के बावजूद वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) से पीछे रह गये।
बुधवार को सीएम एकनाथ शिंदे के जीवन पर आधारित और उनकी राजनीतिक यात्रा के बारे में जानकारी देने वाली बुक 'योद्धा कर्मयोगी- एकनाथ संभाजी शिंदे' का अनावरण ठाणे के गडकरी हॉल में किया गया। इसी कार्यक्रम में बोलते हुए अजित पवार ने शिंदे-फडणवीस के सामने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की।
‘योद्धा कर्मयोगी - एकनाथ संभाजी शिंदे’ के विमोचन के अवसर पर मजाकिया लहजे में अजित दादा ने कहा कि राजनीति में वह मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस दोनों से सीनियर हैं।
अजित पवार ने कहा, ‘‘सभी आगे निकल गए और मैं पीछे रह गया।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस पहली बार 1999 में और शिंदे 2004 में विधायक बने थे, जबकि वह पहली बार 1990 में विधानसभा के सदस्य बने थे।
पवार ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘मैंने कुछ लोगों से मजाक में कहा था कि जब आपने (बीजेपी) एकनाथ शिंदे से कहा था कि वे इतने विधायकों के साथ आएं और उन्हें सीएम बनाया जाएगा...तो आपको मुझसे पूछना चाहिए था। मैं पूरी पार्टी (एनसीपी) को साथ ले आता।’’ बाद में पवार ने कहा, ‘‘...जीवन में होता वही है जो भाग्य में लिखा होता है।’’
बता दें कि जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका और एनसीपी दो धड़ों में बंट गई। अजित पवार कम से कम 40 एनसीपी विधायकों के साथ तब से बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार का हिस्सा है।
वरिष्ठ नेता अजित पवार ने जुलाई 2023 में पांच वर्षों में तीसरी बार महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और वह शिंदे सरकार का हिस्सा बन गए। पवार ने नवंबर 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अंतर्गत उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उसके कुछ दिन बाद उन्होंने शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन से बनी एमवीए सरकार में भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।