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5 घंटे का सफर 90 मिनट में पूरा! 14000 करोड़ रुपए होंगे खर्च, क्या है महाराष्ट्र सरकार की नई परियोजना

वधावन बंदरगाह अब समृद्धि महामार्ग से जोड़ा जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगभग 14,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 11, 2025

Samruddhi Mahamarg Maharashtra

यह नया प्रोजेक्ट यात्रा के समय को 5 घंटे से घटाकर सिर्फ डेढ़ घंटे कर देगा (Photo: IANS/File)

महाराष्ट्र के पालघर जिले के वधावन बंदरगाह (Vadhavan Port) को समृद्धि महामार्ग (Samruddhi Mahamarg) से जोड़ने के लिए एक बड़े फ्रेट कॉरिडोर परियोजना पर काम शुरू किया गया है। राज्य के मंत्री दादा भुसे ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर करीब 14,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और इसका विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का काम प्रगति पर है।

5 घंटे की दूरी डेढ़ घंटे में

राज्य सरकार में मंत्री दादा भुसे ने दावा किया कि इस महत्वकांक्षी परियोजना से पालघर से समृद्धि महामार्ग तक की यात्रा में बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने सदन को बताया कि इस परियोजना के पूरा होने से लगभग चार से पांच घंटे का मौजूदा यात्रा समय घटकर सिर्फ डेढ़ घंटे रह जाएगा।

क्या है यह परियोजना?

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के विधायक महेश सावंत ने बुधवार को विधानसभा में वधावन बंदरगाह और समृद्धि महामार्ग को जोड़ने वाले फ्रेट कॉरिडोर परियोजना के संबंध में प्रश्न पूछा था। इसके जवाब में मंत्री भुसे ने परियोजना की मुख्य बातें बताईं। उन्होंने कहा, यह फ्रेट कॉरिडोर पालघर जिले के दहाणु, विक्रमगढ़, जव्हार, मोखाडा और त्र्यंबकेश्वर होते हुए इगतपुरी तक समृद्धि महामार्ग को जोड़ेगा।

भुसे ने जोर दिया कि यह मार्ग क्षेत्र के विकास को गति देगा और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि वधावन बंदरगाह और समृद्धि महामार्ग को जोड़ने वाला यह फ्रेट कॉरिडोर छह लेन का होगा। इस पर वाहन 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगे।

सरकार का मानना है कि यह परियोजना महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों को आंतरिक हिस्सों से जोड़कर लॉजिस्टिक्स और माल ढुलाई के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है।

गौरतलब हो कि पालघर जिले के दहाणु शहर के पास बन रहा विश्वस्तरीय वधावन बंदरगाह परियोजना की कुल लागत 76,220 करोड़ रुपये है। इस परियोजना से लगभग 12 लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी एवं बुनियादी ढांचे से लैस वधावन पोर्ट में नौ कंटेनर टर्मिनल होंगे। इनमें से प्रत्येक 1,000 मीटर लंबा होगा। इसकी क्षमता 298 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) प्रति वर्ष होगी। वधावन बंदरगाह पूरा होने पर दुनिया के शीर्ष दस बंदरगाहों में से एक होगा।