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महाराष्ट्र: ब्राह्मणों और राजपूतों के लिए नई योजना का ऐलान, भाजपा सरकार ने बढ़ाई विपक्ष की टेंशन

Maharashtra Civic Polls: महाराष्ट्र में आगामी चुनाव से पहले भाजपा नीत महायुति सरकार ने ब्राह्मण, राजपूत और आर्यवैश्य समाज के युवाओं के लिए नई आर्थिक योजना शुरू की है।

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Nov 18, 2025
निकाय चुनाव से पहले महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला (Photo: IANS)

Maharashtra Government Schemes: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले भाजपा ने मास्टरस्ट्रोक खेलते हुए विपक्षी दलों की टेंशन बढ़ा दी है। भाजपा नीत महायुति सरकार ने ब्राह्मण, राजपूत और आर्यवैश्य (Arya Vaishya) समाज को साधने हुए एक नई आर्थिक योजना (Loan Interest Waiver Scheme) शुरू की है। सत्तारूढ़ गठबंधन को महाराष्ट्र निकाय चुनाव में इसका सीधा फायदा मिल सकता है।

महाराष्ट्र सरकार ने ब्राह्मण, राजपूत और आर्यवैश्य समाज के सुशिक्षित बेरोजगार युवाओं को व्यवसाय और उद्योग शुरू करने के लिए कर्ज पर मिलने वाले ब्याज की पूरी राशि वापस लौटाने के लिए खास योजना पेश की है। राज्य में 246 नगरपालिकाओं और 42 नगर पंचायतों पर 2 दिसंबर को मतदान होगा। ऐसे समय पर आई यह घोषणा राजनीतिक रूप से भी खास मानी जा रही है।

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इस योजना के तहत हर साल तीनों समाज के 50 युवाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। 15 लाख रुपये तक का कर्ज लेने वालों को यदि वे अपनी किश्तें समय पर जमा करते हैं, तो उन पर चुकाया गया पूरा ब्याज वापस किया जाएगा। ब्याज वापसी की अधिकतम सीमा साढ़े चार लाख रुपये तय की गई है।

इसके अलावा समूह ऋण भुगतान योजना भी शुरू की गई है। इसमें 50 लाख रुपये तक स्वीकृत कर्ज पर, किश्तें नियमित भरने पर ब्याज की रकम सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी। इस श्रेणी में अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये रखी गई है। हालांकि इसके लिए लाभार्थी को हर किश्त के बाद 15 दिनों के भीतर महामंडल को सूचित करना होगा, तभी उन्हें यह लाभ मिलेगा।

निकाय चुनाव से पहले विपक्ष की बढ़ाई टेंशन

इससे पहले, महाराष्ट्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मण समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण की पेशकश की थी। महायुति सरकार की ओर से ब्राह्मण समाज के लिए यह पहली बड़ी स्वतंत्र आर्थिक योजना बताई जा रही है। इससे पहले राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मण समुदाय के लोगों के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था।

पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले परशुराम महामंडल की स्थापना की गई और उसे 10 करोड़ रुपये का निधि भी मिला। इसी तरह राजपूत समाज के लिए वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप महामंडल और आर्यवैश्य समाज के लिए वासवी कन्यका महामंडल बनाया गया था।

अब जब महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सियासी माहौल गर्म है। ऐसे समय में सरकार की यह नई योजना ब्राह्मण, राजपूत और आर्यवैश्य समाज के मतदाताओं को अपने करीब लाने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है। हालांकि इसका वास्तविक असर कितना होगा, यह तो चुनाव नतीजों से ही स्पष्ट होगा, फिलहाल इसे चुनावी मौसम की एक महत्त्वपूर्ण घोषणा माना जा रहा है।

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Updated on:
18 Nov 2025 11:57 am
Published on:
18 Nov 2025 11:45 am
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