Mumbai on Alert After Pahalgam Terror Attack : पहलगाम आतंकी हमले के बाद मुंबई के सभी पुलिस स्टेशनों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके (Pahalgam Terror Attack) के बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटकों पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की। इस क्रूर हमले में कम से कम 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। इस हमले के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। महाराष्ट्र में खासकर मुंबई, पुणे और कोंकण क्षेत्र में पुलिस अलर्ट मोड पर है और विभिन्न जगहों पर कड़ा बंदोबस्त किया है।
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र की समुद्री सीमा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है। रत्नागिरी जिले के तटीय इलाकों में पुलिस ने सख्त बंदोबस्त तैनात किया है। हर आने-जाने वाले वाहन की जांच की जा रही है और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। तटीय क्षेत्रों में कई स्थानों पर चेकपोस्ट बनाए गए हैं। रत्नागिरी के 36 लैंडिंग पॉइंट्स पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है, साथ ही पर्यटक स्थलों पर भी पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी है।
वहीं, मुंबई और पुणे में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मुंबई पुलिस ने शहरभर में गश्त बढ़ा दी है और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुणे में भी खासकर भीड़भाड़ वाले बाजार, धार्मिक स्थल, सरकारी इमारतें और सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी कड़ी की जा रही है। राज्य के बाकी प्रमुख शहरों में भी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद मुंबई पुलिस अलर्ट पर है। एक अधिकारी ने बताया कि सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। सभी वरिष्ठ पुलिस निरीक्षकों (एसपीआई) और जोनल पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) को अपने-अपने क्षेत्र में अत्यधिक सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि समुद्र के रास्ते से आये 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में 26 नवंबर 2008 को घातक आतंकी हमले को अंजाम दिया। सभी आतंकियों ने अरब सागर में समुद्री मार्ग का उपयोग करके घुसपैठ की और मुंबई के व्यस्त सीएसटीएम रेलवे स्टेशन, दो महंगे होटल और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया। करीब 60 घंटे तक चले इस हमले में विदेशी नागरिकों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। वहीँ, सुरक्षाबलों ने 10 में से 9 आतंकवादियों को मार गिराया और जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को नवंबर 2012 में येरवदा जेल में फांसी दी गई।