मुंबई

ढोल-ताशा मंडली में 30 से ज्यादा लोग रह सकते हैं…ये पुणे के दिल में है, NGT के आदेश पर SC की रोक

Ganeshotsav 2024 : गणपति विसर्जन के दौरान ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एनजीटी ने ढोल-ताशा मंडलियों में लोगों की संख्या 30 तक सीमित कर दी थी।

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Sep 12, 2024

Pune News : सुप्रीम कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण रोकने से जुड़े नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के हाल ही में जारी आदेश पर रोक लगा दी है। एनजीटी ने पुणे में भगवान गणेश की मूर्ति के विसर्जन के दौरान ढोल-ताशा मंडली के सदस्यों की संख्या 30 व्यक्तियों तक सीमित करने का आदेश दिया था, जिसे शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने गुरुवार को एनजीटी के आदेश पर रोक लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार, पुणे अधिकारियों और अन्य को नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा, "उन्हें अपना ढोल, ताशा बजाने दें... यह पुणे के दिलों में बसता है।"

एनजीटी ने पुणे में भगवान गणेश की मूर्तियों के विसर्जन के समारोहों में शामिल होने वाले 'ढोल-ताशा' समूहों में लोगों की संख्या 30 तक सीमित करने का आदेश दिया था।

इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, "नोटिस जारी किया जाए...NGT के उस निर्देश के निष्पादन पर रोक रहेगी। उन्हें ढोल ताशे बजाने दें। ये पुणे की जान है।"

सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि ढोल-ताशा का पुणे में 100 वर्षों से अधिक समय से गहरा सांस्कृतिक महत्व रहा है और इसकी शुरुआत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की थी। एनजीटी के 30 अगस्त के निर्देश से ऐसे समूह प्रभावित होंगे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगा दी।

Published on:
12 Sept 2024 09:14 pm
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