महाराष्ट्र के स्थानीय चुनावों को लेकर भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट के महायुति गठबंधन ने एकजुट होकर मैदान में उतरने का ऐलान किया है।
महाराष्ट्र में आने वाले महीनों में होने वाले स्थानीय और नगर निकाय चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इसी बीच भाजपा (BJP) को मीरा-भाईंदर नगर निगम (MBMC) में बड़ा झटका लगा है। भाजपा श्रमिक मोर्चा के प्रदेश सचिव मनोज राणे ने पार्टी से इस्तीफा देकर शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थाम लिया है। खास बात यह है कि उन्होंने अकेले नहीं, बल्कि अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ शिंदे सेना में प्रवेश किया।
मनोज राणे को भाजपा मंत्री नितेश राणे का करीबी माना जाता हैं। उन्होंने वरिष्ठ शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक की मौजूदगी में पार्टी जॉइन की। इस कदम से मीरा-भाईंदर में शिवसेना की ताकत और अधिक मजबूत हुई है। राणे ने कहा कि वे विकास का एजेंडा लेकर शिवसेना के संगठनात्मक कामकाज में सक्रिय रहेंगे और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, प्रताप सरनाईक और निलेश राणे के मार्गदर्शन में काम करेंगे।
स्थानीय चुनावों से ठीक पहले राणे का यह फैसला बीजेपी के लिए स्थानीय स्तर पर बड़ा नुकसान माना जा रहा है। अब तक विपक्षी खेमे महाविकास आघाड़ी (MVA) के नेताओं के महायुति में जाने की खबरें आती रही हैं, लेकिन इस बार सत्तारूढ़ महायुति में ही दलबदल होना राजनीतिक समीकरणों को और दिलचस्प बना रहा है।
गौरतलब है कि राज्य में होने वाले स्थानीय चुनावों को लेकर भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट के महायुति गठबंधन ने एकजुट होकर मैदान में उतरने का ऐलान किया है। हालांकि जिन सीटों पर आपसी सहमति नहीं बन पाएगी, वहां तस्वीर अलग हो सकती है। इसके बावजूद नेताओं का दल-बदल लगातार जारी है, जिससे चुनावी माहौल और ज्यादा गरमा गया है।
दूसरी ओर कांग्रेस, शिवसेना उद्धव गुट और एनसीपी शरद पवार गुट के महाविकास आघाड़ी (MVA) का चुनावी समीकरण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसी बीच, शिवसेना (उबाठा) और राज ठाकरे की मनसे के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा ने भी राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है।