5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

उद्धव नहीं, भाजपा को शिंदे सेना ने दिया बड़ा झटका, 8 नेताओं ने बदला पाला, कहा- नहीं मिल रहा था फंड

Maharashtra Politics: एक शिवसेना नेता ने कहा कि पार्टी सभी नए साथियों का स्वागत करती है और उनके पीछे पूरी ताकत के साथ खड़ी रहेगी।

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Sep 09, 2025

Eknath Shinde(PHOTO- ANI)

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे के मुरबाड नगर पंचायत में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। नगर पंचायत के 17 सदस्यों में से भाजपा के परिवर्तन पैनल से जुड़े 8 नगरसेवकों ने शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थाम लिया है। इस बड़े बदलाव ने स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी है और भाजपा को करारा झटका लगा है।

पाला बलदने वाले नगरसेवकों का आरोप है कि भाजपा की ओर से विकास कार्यों के लिए आवश्यक निधि नहीं दी जा रही थी और जानबूझकर कामों को अटकाया जा रहा था। इसी नाराज़गी के चलते उन्होंने शिवसेना में शामिल होने का फैसला किया। उनका कहना है कि एकनाथ शिंदे की विकासमुखी कार्यशैली और जनता से जुड़ाव ने उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।

भिवंडी के पडघा में हुए प्रवेश कार्यक्रम में शिवसेना नेता प्रकाश पाटील, उपनेता रूपेश म्हात्रे, जिला प्रमुख देवानंद थले समेत कई नेता मौजूद रहे। इस मौके पर मुरबाड के पूर्व मेयर रामभाऊ भगवान दुधाले, उप मेयर दीक्षिता विकास वारघडे समेत कई कार्यकर्ता भी शिंदे गुट में शामिल हुए।

पूर्व मेयर रामभाऊ दुधाले ने कहा कि जात-पात की राजनीति और चुनिंदा सदस्यों को ही निधि देने के कारण उन्हें दरकिनार किया गया था। इसलिए हमने भाजपा से अलग होकर परिवर्तन पैनल का गठन किया। अब हमें विश्वास है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में मुरबाड का चौतरफा विकास होगा।

शिवसेना नेता प्रकाश पाटील ने कहा कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के काम पर विश्वास जताते हुए परिवर्तन पैनल का शिवसेना में विलय हुआ है। सभी नगरसेवक लगातार निधि की मांग करते रहे, लेकिन जहां बाकी जगहों को निधि मिल रही थी, वहीं मुरबाड शहर वंचित रहता। उन्होंने भरोसा जताया कि सभी नए साथियों के पीछे पार्टी पूरी ताकत के साथ खड़ी रहेगी और मुरबाड शहर के विकास में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।

इस घटनाक्रम के बाद मुरबाड नगर पंचायत का सियासी समीकरण बदल गया है और इसके असर का असर आने वाले निकाय चुनावों में साफ दिखाई देगा।