Maharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र में 246 नगर पालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान होगा। इससे पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाया है।
Shiv Sena Uddhav thackerayon Election Commission: महाराष्ट्र में आगामी नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों की हलचल तेज हो गई है। 2 दिसंबर को 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में मतदान होना है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सभी उम्मीदवार पूरे दमखम के साथ प्रचार में जुट गए हैं। इस बीच, उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा है कि आयोग भाजपा के साथ मिल गया है और उनके हिसाब से अब काम कर रहा है। उद्धव गुट के सांसद अनिल देसाई (Anil Desai) ने अहिल्यानगर (पूर्व में अहमदनगर) की राहाता नगर परिषद चुनाव (Rahata Municipal Council Election) को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मुंबई के दादर स्थित शिवसेना भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता अनिल देसाई ने कहा कि राहाता नगर परिषद चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और पूरी प्रक्रिया को नियम बदलकर प्रभावित किया गया। देसाई का दावा है कि राज्य चुनाव आयोग ने अचानक नियमों में बदलाव कर दिया और फर्जी नामांकन पत्रों को भी स्वीकार कर लिया।
देसाई के अनुसार, 17 नवंबर नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख थी और सभी उम्मीदवारों को दोपहर 3 बजे तक अपने फॉर्म जमा करने थे। अगले दिन अधिकारियों ने पुराने नियमों के तहत जांच की, लेकिन उसी दिन दोपहर बाद चुनाव आयोग ने एक नया सर्कुलर जारी कर डमी उम्मीदवारों के लिए प्रस्तावकों की संख्या एक से बढ़ाकर पांच कर दी। देसाई ने कहा कि यह नया नियम उन फॉर्मों पर लागू किया गया जिन्हें पहले ही जांच के बाद वैध माना गया था, जिसके कारण कई नामांकन रद्द हो गए। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिवसेना (यूबीटी) के नाम पर चार फर्जी नामांकन दाखिल किए गए, जिनके लिए पार्टी ने कोई मंजूरी नहीं दी थी। देसाई का कहना है कि उन्होंने तत्काल प्रिसाइडिंग ऑफिसर, तहसीलदार, जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को लिखित शिकायत भेजकर इन फर्जी फॉर्मों को रद्द करने की मांग की, लेकिन इसके बावजूद इन्हें वैध घोषित कर दिया गया।
देसाई ने आरोप लगाया कि जब वे पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज कराने पहुंचे, तो पुलिस ने उनकी शिकायत लेने से भी इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी न तो फोन उठा रहे हैं और न ही ईमेल का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर किस तरह के दबाव में अधिकारी काम कर रहे हैं।
सांसद ने मांग की कि जांच प्रक्रिया 17 नवंबर तक लागू नियमों के हिसाब से ही की जाए, फर्जी नामांकन तुरंत रद्द किए जाएं और लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो। इसके साथ ही उन्होंने राज्य चुनाव आयोग से चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की अपील की। अगर चुनाव में ऐसे ही धोखाधड़ी करनी हैं तो फिर चुनाव कराने का कोई मतलब ही नहीं है।
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्यभर में नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव का शेड्यूल जारी कर दिया है। 2 दिसंबर को 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में चुनाव कराए जाएंगे और मतगणना 3 दिसंबर को होगी।