Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर रैली में चंद्रशेखर की एक्स गर्लफ्रेंड डॉक्टर रोहिणी घावरी नहीं पहुंचीं। उन्होंने दावा किया कि वर्क परमिट वीजा एक्सपायर होने के कारण भारत नहीं आ सकीं और आरोप लगाया कि चंद्रशेखर ने उनके पिता और भाई के खिलाफ सेक्सटॉर्शन FIR दर्ज कराई है।
Chandrashekhar rally rohini ghavari allegations muzaffarnagar: यूपी की नगीना सीट से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने संविधान दिवस पर मुजफ्फरनगर में बड़ी रैली कर विधानसभा चुनाव-2027 की शुरुआत का एलान किया। इस सभा को लेकर लंबे समय से चर्चा थी क्योंकि डॉक्टर रोहिणी घावरी, जिन्हें सोशल मीडिया पर चंद्रशेखर की कथित एक्स गर्लफ्रेंड बताया जाता है, ने X पोस्ट के जरिए खुद के इस रैली में पहुंचने का दावा किया था। लेकिन वह मंच पर नहीं दिखीं।
एक मीडिया चैनल से बातचीत में रोहिणी ने बताया कि उनका वर्क परमिट वीजा एक्सपायर हो चुका था, जिसके चलते उन्हें भारत आने की अनुमति नहीं मिल सकी। वे कहती हैं कि भारत लौटने की इच्छा थी, लेकिन वीजा संबंधी प्रतिबंधों ने पूरा कार्यक्रम बिगाड़ दिया।
रोहिणी ने दावा किया कि चंद्रशेखर ने उनकी पत्नी के जरिए दिल्ली के नार्थ एवेन्यू थाने में उनके खिलाफ सेक्सटॉर्शन का मामला दर्ज कराया। आरोप सिर्फ उन पर ही नहीं, बल्कि उनके पिता और भाई पर भी लगाया गया है। रोहिणी ने कहा- “अगर मैं दिल्ली पहुंच जाती, तो मेरी गिरफ्तारी की पूरी तैयारी की गई थी। चंद्रशेखर मेरे परिवार पर केस करके मुझ पर दबाव बनाना चाहते हैं ताकि मैं उनके खिलाफ कुछ न बोल सकूं।” उनका कहना है कि FIR दर्ज करने का उद्देश्य राजनीतिक और व्यक्तिगत रूप से उन्हें चुप कराना था।
रोहिणी ने बातचीत के दौरान कहा कि वह बहुत जल्द भारत लौटेंगी। उनका कहना है कि जैसे ही वीजा की औपचारिकताएं पूरी होंगी, वह चंद्रशेखर की अगली किसी भी रैली या सभा में बिना किसी घोषणा के पहुंच जाएंगी। उन्होंने इसे एक सीधी चुनौती के रूप में पेश किया।
मुजफ्फरनगर की रैली को चंद्रशेखर की राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन की सबसे अहम कोशिश माना जा रहा था। वह खुद को बसपा का विकल्प बता रहे हैं और पश्चिम यूपी में बड़ी राजनीतिक जगह बनाने की कोशिश में हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक भीड़ उम्मीद से कम दिखाई दी, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए।
रोहिणी घावरी के लगातार दावों और आरोपों ने चंद्रशेखर के खिलाफ एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मामला अगर लंबा खिंचता है, तो इसका असर 2027 विधानसभा चुनाव की उनकी रणनीति और छवि दोनों पर पड़ सकता है।